केन्द्रीय राज्यमंत्री ने किया समानता के प्रतीक बुद्ध और विवेकानन्द पुस्तक का लोकार्पण



  • आर्थिक व जातिगत विषमता सामाजिक एकता में बाधक : कौशल किशोर
  • सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए समरसता विभाग कटिबंध : श्याम प्रसाद
  • बुद्ध और विवेकानन्द ने हर तरह के भेदभाव के खिलाफ प्रचार किया : श्याम प्रसाद

लखनऊ - केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री माननीय कौशल किशोर ने शनिवार को गोमतीनगर स्थित उत्तर प्रदेश पर्यटन भवन के सभागार में ''समानता के प्रतीक बुद्ध और विवेकानन्द'' पुस्तक का लोकार्पण किया। इस पुस्तक को सामाजिक समरसता गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक श्री के.श्याम प्रसाद जी ने लिखी । कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के सह क्षेत्र संघचालक माननीय राम कुमार वर्मा ने की। अतिथियों द्वारा भारत माता, महात्मा बुद्ध और स्वामी विवेकानन्द के चित्रों पर पुष्पांजलि के बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।

पुस्तक के लेखक और सामाजिक समरसता गतिविधि के राष्ट्रीय संयोजक श्री के. श्याम प्रसाद ने इस अवसर पर कहा कि सामाजिक असमानता को दूर करने के लिए सामाजिक समरसता विभाग कटिबंध है। उन्होंने कहा कि  स्वामी विवेकानन्द पर बुद्ध का गहरा प्रभाव था। बुद्ध और विवेकानन्द ने हर तरह के भेदभाव के खिलाफ प्रचार किया। अलग—अलग कालखण्ड व विभिन्न परम्पराओं से संबंधित होते हुए भी दोनों महापुरूषों के बीच कई समानताएं हैं। श्याम प्रसाद ने कहा कि बुद्ध और विवेकानन्द दोनों समता के श्रेष्ठ प्रतीक हैं। दोनों श्रेष्ठ धर्म प्रचारक हैं। भारत के उत्थान और विश्व शांति के लिए दोनों महापुरूषों ने काम किया। आज भारत में सामाजिक समता की बहुत आवश्यकता है। सबके बीच में समता खड़ा करने के बाद ही राष्ट्र का विकास होगा।

श्री श्याम प्रसाद ने कहा कि भारत के विकास के लिए,भारत में समता के लिए,धर्म की रक्षा के लिए तथा विश्वशांति के लिए बुद्ध के अनुयाई व विवेकानंद के अनुयाई मिलकर काम करना आज की आवश्यकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज से आर्थिक व जातिगत विषमता हटेगी तभी सामाजिक समरसता आएगी। आर्थिक व सामाजिक विषमता ही एकता में बाधक है। उन्होंने कहा कि बुद्ध और विवेकानंद की शिक्षाओं को जीवन में उतरने की आवश्यकता है। हमें सनातनी एकता को लाने के लिए जाति सूचक शब्द हटाने होंगे। महात्मा बुद्ध और विवेकानंद ने अपने नाम के आगे जात नहीं लिखी।

कौशल किशोर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सनातन की परंपरा के अनुसार काम कर रहा है। संघ के स्वयंसेवक अपने नाम के आगे जात नहीं लिखते हैं। उन्होंने कहा कि समरसता के लिए बुद्धि आवश्यक है। नशा बुद्धि का नाश कर देती है इसलिए नशा से बचिए और बच्चों को नशा से दूर रखिए। नशा मुक्त रक्षाबंधन मनाएं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के साथ-साथ नशा मुक्त भारत और नशा मुक्ति परिवार बनाए। उन्होंने कहा कि समाज को बराबरी देने का काम मोदी सरकार कर रही है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के  क्षेत्र संघ चालक रामकुमार वर्मा ने कहा कि महात्मा बुद्ध और स्वामी विवेकानंद ने समाज में समानता लाने व ऊंच नीच को दूर करने का काम किया। दोनों महापुरुषों का लक्ष्य एक था। सह क्षेत्र संघचालक ने कहा कि हिंदुओं में हिंदुत्व का भाव समानता का भाव और समरसता का भाव आवश्यक है। हिंदू समाज में एकता निर्माण करने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

रामकुमार वर्मा ने कहा कि जब तक हिंदू समाज संगठित नहीं होता समरस नहीं होता तब तक हिंदू समाज की शक्ति दिखाई नहीं देती। अगर हम सशक्त हिंदू समाज का संगठन करना चाहते हैं तो सामाजिक समरसता लानी होगी।

कार्यक्रम का संचालन आत्म प्रकाश ने किया। इस अवसर पर सामाजिक समरसता विभाग अवध प्रान्त के प्रमुख श्री राज किशोर जी, प्रोफेसर चंद्रकांता माथुर सामाजिक समरसता के प्रांत कार्यकारिणी के सदस्य बृजनंदन राजू, प्रांत संयोजक ओमप्रकाश सिंह सह प्रान्त संयोजक श्री राम नरेश जी, पवन श्रीवास्तव, सुभाष अग्रवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।