प्रधानमंत्री का जन्मदिवस बनेगा आर्थिक आजादी दिवस



लखनऊ - समाज के आर्थिक दुर्बल वर्ग का रोजगार बढ़ाना और युवाओं के लिए सुरक्षित रोजगार सृजन करने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 17 सितंबर को 'आर्थिक आजादी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इसी दिन Luck-know स्टार्टअप स्कूल का उद्घाटन होगा जिसका उद्देश्य लखनऊ में 100 स्टार्टअप को एक साल में एक ब्रांड के रूप में प्रतिष्ठित करना है।

17 सितंबर दिन शनिवार शाम छह बजे गोमतीनगर 1090 चौराहे पर होने वाले इस कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इसमें लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, एकेटीयू के कुलपति प्रदीप कुमार मिश्रा, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक राय स्वतंत्र अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

प्रेस क्लब में वृहस्पतिवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में इस आंदोलन की भूमिका रखते हुए एमएलसी इंजीनियर अवनीश सिंह ने बताया कि विनोबा भावे जी के भूदान आंदोलन को छोड़कर भारत के अब तक के सभी प्रमुख आंदोलन राजनीतिक आंदोलन रहे हैं। अब जब हम आजादी के 75वें वर्ष का महोत्सव मना रहे हैं, आने वाले 25 साल को गरीबों और युवाओं के अर्थिक आजादी आंदोलन में बदलने का ये सही समय है। प्रधान मंत्री नरेंद्र  मोदी  के 'आत्मनिर्भर' का सिद्धांत और मुख्यमंत्री योगी के उत्तर प्रदेश को 'उद्योग प्रदेश' बनाने का सपना को साकार करने के लिए आर्थिक आजादी आंदोलन शुरू किया जा रहा है।

अर्थिक आजादी दिवस के पीछे का कारण बताते हुए एमएलसी इंजीनियर अवनीश सिंह ने कहा कि, 1947 में जब से भारत ने राजनीतिक आज़ादी प्राप्त की, तब से देश का जन-गण सामाजिक-आर्थिक आज़ादी या 'राम-राज्य' की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वह 'राम-राज्य' जिसके बारे में संत तुलसीदास और गांधी जी ने ज़िक्र किये है।

देश के लोगों ने मोदी जी को अपना नेता चुना, जिन्होंने चाय की दुकान से रेसकोर्स रोड तक अपना राह बनाया। रेसकोर्स रोड का नाम को  'लोक कल्याण मार्ग' में बदलकर मोदी जी ने सरकार के अभिमुख्य को लोकाभिमुखी कर दिया। 'जन धन योजना', डिजिटल बैंकिंग, स्किल इंडिया, मुद्रा योजना, 'मेक इन इंडिया', 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' जैसे मोदी जी का फैसला गरीब और आम लोगों का आर्थिक आज़ादी के लिए एक एक पदक्षेप है।

श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने श्री चंद्र मिश्रा के सहयोग से लक-नो स्टार्टअप स्कूल शुरू किया है, जिन्हें 2005 में देश का पहला रोजगार मिशन शुरू करने में ओडिशा सरकार को मदद किये और इसके संचालन समिति के सदस्य के रूप में काम किया। श्री मिश्रा ने 2017 से लगातार विभिन्न राज्यों में परिणामोन्मुखी रोजगार नीति पर काम किया है। श्री सिंह ने उत्तर प्रदेश के युवाओं से अर्थिक आजादी आंदोलन में शामिल होने और उत्तर प्रदेश को 'उद्योग प्रदेश' बनाने का आह्वान किया।