योजनाओं के क्रियांवयन में मदद करेगा ‘सहयोग’



  • सहयोग एप संचालन के लिए मास्टर ट्रेनर्स हुए प्रशिक्षित
  • प्रशिक्षण सत्र को मंत्री बेबी रानी मौर्या ने किया संबोधित

लखनऊ - बाल विकास की योजनाएं अब और आसानी से क्रियांवित की जा सकेंगी। साथ ही योजनाओं को धरातल पर उतारने में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों को कम समय में ही दूर किया जा सकेगा। यह कहना है महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्या का। वह मंगलवार को होटल दयाल पैराडाइज में आयोजित एप के प्रशिक्षण सत्र को संबोधित कर रही थीं।

कैबिनेट मंत्री बेबी रानी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी ने डिजिटल इंडिया और कुपोषण मुक्त भारत की कल्पना की थी। इस दिशा में हमारे मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में यह एप हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्रशिक्षण लेने आए अधिकारियों से अपील की है कि एप की बारीकियों को ठीक से समझें और जिले की टीम को बेहतर तरीके से समझाएं।

इस मौके पर महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार सचिव अनामिका सिंह ने प्रशिक्षण ले रहे अधिकारियों से अपील की है कि एप को स्वेच्छा से अपनाएं, सिर्फ ड्यूटी नहीं करें। कोई कमी लगे तो दुरुस्त करने के लिए सुझाव दें। इससे शत प्रतिशत परिणाम आने में मदद मिलेगी।

कपिल सिंह, निदेशक, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, राज्य पोषण मिशन ने बताया कि सहयोग एप बाल विकास संबंधी फील्ड के सभी कार्यों में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। इस एप से विभाग के कार्यों में गुणवत्ता आएगी। साथ ही पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने विभागीय मंत्री को आश्वस्त किया है कि यह एप पूरी तरह परिणाम देगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद जल्द ही इसका औपचारिक उद्घाटन होगा। यह एप अलाइव एंड थ्राइव, यूनिसेफ और यूपीटीएसयू के सहयोग से तैयार किया गया है।

बीएमजीएफ के विकास यादव ने कहा कि इस एप को सिर्फ आंकड़ों या समीक्षा बैठकों में आंकड़ें संबंधी फैसले तक ही सीमित न रखें। इसको एक मैन पावर के रूप उपयोग करें। अलाइव एंड थ्राइव के साउथ एशिया के कार्यक्रम निदेशक थॉमस फोरिससर ने कहा कि इस एप के जरिए जहां विभाग को मदद मिलेगी वहीं इस एप की मदद से विभागीय अधिकारी व कर्मचारी के ज्ञान और कौशल में वृद्धि होगी।

इस मौके पर 15 जिलों के बाल विकास परियोजना अधिकारी, डेवलेपमेंट पार्टनर्स जैसे अलाइव एंड थ्राइव, सीफार, यूनिसेफ, वर्ल्ड विजन, पीरामल और यूपीटीएसयू के राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

क्या है ‘सहयोग’ : यह एप खासकर सुपरवाइजरी कैडर जैसे सीडीपीओ और मुख्य सेविका की मदद के उद्देश्य से विकसित किया गया है। इस एप पर विभागीय अधिकारी बाल विकास संबंधी सभी योजनाओं की आंगनबाड़ी केंद्र के हिसाब से वास्तविक स्थिति देख सकेंगे। इस एप से अधिकारी क्षेत्र के हिसाब से पात्र लाभार्थियों और दिव्यांगों, कुपोषित और आतिकुपोषित बच्चों की संख्या सिर्फ एक क्लिक पर जान सकेंगे। साथ कि यह भी बहुत आसानी से पता चल सकेगा कि किस आंगनबाड़ी केंद्र पर कितने गोदभराई, अन्नप्रासन, सुपोषण, वाश, वजन और किशोरी दिवस आयोजित हुए हैं।