कानपुर के बाद यूपी की राजधानी लखनऊ में भी ज़ीका वायरस ने दी दस्तक



लखनऊ (डेस्क) - गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जीका वायरस के दो नए मामले मिले हैं।  उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के महानिदेशक वेद व्रत सिंह ने दो केस मिलने की बात की पुष्टि की है।  स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन क्षेत्रों की जांच शुरू कर दी है जहां ये केस मिले हैं। लखनऊ में जीका के केस मिलने से स्वास्थ्य अधिकारियों में खलबली मच गई है।

जीका का पहला मामला लखनऊ के हुसैनगंज के फूलबाग निवासी पुरुष में मिला है जबकि दूसरा मामला कृष्णानगर में मिला है जहां 24 साल की महिला में जीका वायरस की पुष्टि हुई है।

बताया जा रहा है मरीजों में जीका की पुष्टि के बाद राहत कार्य शुरू करा दिया गया है। रात में मरीज के घर व उसके आसपास के लोगों की कान्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कराई गई। सूत्रों के अनुसार मरीज के आस पड़ोस के लोगों में बुखार की पुष्टि नहीं हुई है।

यूपी में जीका वायरस की शुरुआत कानपुर से हुई थी। 23 अक्टूबर को कानपुर में जीका वायरस का पहला केस मिला था। महज दो हफ्तो में कानपुर में जीका वायरस के मरीजों की तादाद बढ़कर 100 के ऊपर हो गई थी ।

कैसा फैलता है ज़ीका वायरस : जीका वायरस एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है। इसके लक्षण कई बार अस्पष्ट होते हैं। इसके शुरूआती लक्षणों में बुखर, रेशेज, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने ज़ीका वायरस की रोकथाम के लिए दिए सख्त निर्देश : बीमारी के फैलने से रोकने के लिए, स्वास्थ्य दल लार्वा विरोधी छिड़काव और बुखार के रोगियों की पहचान करने, गंभीर रूप से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं की जांच करने सहित स्वच्छता कार्यक्रम चला रहे हैं।  स्वास्थ्य अधिकारियों को भी घर-घर जाकर नमूने लेने को भी कहा गया है। वहीं सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी जीका वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।