‘कोविशील्ड’ को लेकर घबराने की जरूरत नहीं, पूरी तरह सुरक्षित : डॉ. सूर्यकान्त



  • लाखों में किसी एक को हो सकता है मामूली दुष्प्रभाव
  • टीका लगने के एक महीने तक ही रहती है दुष्प्रभाव की गुंजाइश

लखनऊ । कोविड से बचाव की वैक्सीन कोविशील्ड के दुष्प्रभावों की ख़बरों के बीच किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और कोविड टीकाकरण के उत्तर प्रदेश के ब्रांड एम्बेसडर रहे डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित है। इस तरह के टीकों का जो दुष्प्रभाव भी होता है वह तात्कालिक होता है, टीका लगने के एक महीने बाद उसकी भी गुंजाइश न के बराबर रह जाती है।  

डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि देश में करोड़ों लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन को लगवाया है, लेकिन अधिकृत रूप से ऐसा कोई भी मामला सामने नहीं आया कि जिससे साबित हो सके वैक्सीन के दुष्प्रभाव से ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि एक चिकित्सक होकर भी उन्होंने कोविड टीकाकरण के पहले दिन पहला डोज और वह भी कोविशील्ड का ही लगवाया था। वैक्सीन लगवाये हुए तीन साल से अधिक होने जा रहे हैं लेकिन कभी किसी तरह के दुष्प्रभाव के संकेत तक उन्होंने शरीर में नहीं देखे । इसका दुष्प्रभाव भी बड़े ही दुर्लभ मामलों में देखे जा सकते हैं जो कि लाखों-करोड़ों में एक-दो हो सकते हैं, अमूमन जैसा कि अन्य सभी अंग्रेजी दवाओं और इंजेक्शन के साथ होता है। एस्ट्रोजेनिका एवं कोविशील्ड के मामलों में थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपीनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की स्थिति दुर्लभ स्थितियों में ही बन सकती है कि प्लेटलेट कम होने लगे या हार्ट अटैक की स्थिति पैदा हो । यह स्थिति भी एक महीने के भीतर ही देखने को मिल सकती है और अब तो वैक्सीन लगे हुए भी दो से तीन साल हो गए हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है । डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि ब्लड क्लाटिंग (खून के थक्के) के बहुत से कारण हो सकते हैं, केवल वैक्सीन को जिम्मेदार ठहराना कतई उचित नहीं है। ज्ञात हो कि एक समय इसी वैक्सीन ने लाखों लोगों की जान बचाने के साथ ही हमें घरों से बाहर निकलने की ताकत दी थी।

डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि सोशल मीडिया पर कोविशील्ड को लेकर चल रहीं तमाम भ्रामक ख़बरों से इस वक्त सतर्क रहने की जरूरत है। हार्ट अटैक से बचने के लिए मोटापा से बचें, शुगर व ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें और हायपर टेंशन (तनाव) से बचें। धूम्रपान से दूर रहें और हरी साग-सब्जियों को भोजन में जरूर शामिल करें। घर का बना साफ़-सुथरा और ताजा भोजन ही करें ।