जिले का सूचकांक सुधारने में भागीदार बनेंगे निजी अस्पताल



  • 32 निजी अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग ने चार प्रमुख सूचकांकों की दी जानकारी
  • प्रसव संबंधित जांच, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और टीकाकरण के 29 बिंदुओं पर मांगी जानकारी

गोरखपुर - जिले की रैंकिंग हेल्थ डैशबोर्ड पर सुधारने के लिए अब निजी अस्पतालों को भी सहयोग करना होगा। स्वास्थ्य विभाग ने स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया की मदद से 32 अस्पतालों को प्रमुख सूचकांकों के बारे में जानकारी दी है। प्रसव संबंधित जांच, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और नियमित टीकाकरण सहित 29 बिंदुओं के बारे में बताया गया है। इन सभी बिंदुओं की रिपोर्टिंग अब हर महीने इन अस्पतालों को भी करनी होगी।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ नंद कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों की तरह निजी अस्पतालों से पूर्ण रिपोर्टिंग करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पर एंटी नेटल केयर सर्विसेज, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और बच्चों के नियमित टीकाकरण की रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है। शिशु व मातृ मृत्यु दर रोकने में इन रिपोर्ट्स व आंकड़ों का खास योगदान है। उन्होंने कहा की जब तक निजी क्षेत्र से भी संपूर्ण रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का संपूर्ण लाभ समुदाय तक नहीं पहुंच सकता। रिपोर्टिंग के अभाव में जिले की रैंकिंग भी खराब रहेगी। इसी उद्देश्य से निजी अस्पतालों को रिपोर्टिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

डॉ नंद कुमार ने बताया कि जिले में 63 प्रमुख प्रसव से जुड़े निजी अस्पताल मैप किये गये हैं जिनमें से जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ्य से जुड़े सूचकांकों पर 17 अस्पताल रिपोर्टिंग कर रहे हैं। एक निजी होटल में पीएसआई इंडिया की मदद से निजी अस्पतालों के साथ बुधवार को एक दिवसीय संवाद किया गया। इससे स्थिति में सुधार की संभावना है । कार्यक्रम के दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, मंडलीय एमईओ डॉ कुसुम, सहायक क्वालिटी प्रोग्राम विजय कुमार श्रीवास्तव और एचएमआईएस प्रभारी मनीष त्रिपाठी ने निजी अस्पतालों को तकनीकी जानकारी दी ।

पीएसआई इंडिया संस्था की तरफ से प्रोग्राम मैनेजर केवल सिंह सिसौदिया, सहयोगी रेखा और अनामिका यादव ने समन्वय में सहयोग किया । इस मौके पर एनयूएचएम की मंडलीय समन्वयक डॉ प्रीति सिंह, जिला समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, आरबीएसके योजना की डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, सहायक फैजान व आदिल प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

फार्मेट पर देनी है रिपोर्ट : हौसला साझेदारी कार्यक्रम व आयुष्मान भारत योजना से जुड़े पल्स हॉस्पिटल के प्रतिनिधि जय ने बताया कि विभाग की तरफ से एक फार्मेट दिया गया है जिस पर हर माह रिपोर्ट देनी है । महिलाओं को दिन जाने वाली प्रसवकालीन सेवाओं, सी सेक्शन प्रसव, नार्मल प्रसव, शिशु जन्म, शिशु मृत्यु, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी और बच्चों को लगाये जाने वाले टीके समेत कुल 29 बिंदुओं के बारे में जानकारी दी जानी है । फार्मेट के बारे में विस्तार से बताया गया है।