लखनऊ विश्वविद्यालय में 123 लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का किया सेवन



इंकार किए हुए 46 लोगों को फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म के सदस्यों ने दवा खाने के लिए किया राजी  

लखनऊ - जनपद में 10 फरवरी से चल रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान के क्रम में मंगलवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास विभाग में फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराने के लिए बूथ लगाया गया। जिसमें 123 लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया। बूथ का उद्घाटन इतिहास विभाग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल कुमार एवं प्रोफेसर आनंद पांडे ने स्वयं दवा सेवन करके किया।

जिला मलेरिया अधिकारी डा. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को भी लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय में बूथ लगाया गया था जिसमें लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन किया था। फाइलेरिया उन्मूलन में लखनऊ विश्वविद्यालय की यह अच्छी पहल है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों को फाइलेरिया से बचाव और कारणों की जानकारी दी गई कि यह मच्छर के काटने से होती है और इस बीमारी से बचाव के उपाय हैं फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना और मच्छरों से बचना। साल में एक बार और लगातार तीन साल तक फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कर इस बीमारी से बचा जा सकता है। इस बीमारी का उन्मूलन इसलिए जरूरी है कि यह संक्रामक बीमारी है। इस बीमारी के लक्षण संक्रमण होने के 10 से 15 साल बाद दिखाई देते हैं। तब तक संक्रमित व्यक्ति अन्य स्वस्थ लोगों को संक्रमित करता रहता है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि आगामी दिनों में विश्वविद्यालय के अन्य विभागों में भी फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराने के लिए बूथ लगाए जायेंगे ।

इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग से डॉ. नेहा प्रताप , वरिष्ठ मलेरिया इन्सपेक्टर गौतम एवं मलेरिया इन्सपेक्टर ए के सिंह, पीसीआई से असिस्टेंट स्टेट प्रोग्राम मैनेजर विकास द्विवेदी, जिला समन्वयक आकाश द्विवेदी और निशांत सिंह मौजूद  रहे ।

इसी क्रम में सोमवार को मोहनलालगंज के भदेसुवा गाँव में फातिमा भट्ठा में फाइलेरियारोधी दवा खिलाई गई | इस मौके पर 46 लोगों ने फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करने से इंकार कर दिया । ऐसे में फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य बबलू चौरसिया और फाइलेरिया पेशेंट प्लेटफ़ॉर्म की  सदस्य बिंदा देवी ने लोगों को समझाया और कहा कि यह लाइलाज बीमारी है। एक बार हो जाती है तो फिर ठीक नहीं होती है । हम लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं और बहुत ही दिक्कतों का सामना कर रहे हैं । हमने दवा नहीं खायी थी लेकिन अब तो फाइलेरिया से बचाव के लिए आपके घर पर दवा खिलाई जा रही है तो मना न करें। दवा खाएं। जिससे कि फाइलेरिया जैसी बीमारी से बचाव हो सके । यह बीमारी जान तो नहीं लेती है लेकिन जीवन दूभर कर देती है । इन बातों का प्रभाव लोगों पर हुआ और 46 लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन किया।