स्वास्थ्य मेले में बाल विवाह के जोखिम के बारे में किया गया जागरूक



  • बाल विवाह न करने की ली शपथ, स्वास्थ्य सुविधाओं का भी उठाया लाभ  

जरवल (बहराइच)। उम्मीद परियोजना के अंतर्गत विवाह की सही उम्र के बारे में जागरूकता के लिए शुक्रवार को ग्राम पंचायत कटका मरौठा में स्वास्थ्य मेले का आयोजन किया गया। इसके माध्यम से कम उम्र में विवाह के चलते किशोर एवं किशोरियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव एवं जल्दी माँ बनने के जोखिम के बारे में समुदाय को जानकारी प्रदान की गयी और समुदाय को बच्चों का कम उम्र में विवाह न करने के प्रेरित किया गया । स्वास्थ्य विभाग और उम्मीद परियोजना के संयुक्त प्रयास से इसका आयोजन किया गया। मोबिअस फाउंडेशन के सहयोग से उम्मीद परियोजना पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया तथा सेव अ मदर के द्वारा जरवल ब्लॉक में चलाई जा रही है, जिसका उददेश्य जनसमुदाय में परिवार नियोजन संबंधी जागरूकता एवं स्वीकार्यता को बढ़ावा देना है। स्वास्थ्य मेला के  जरिये परिवार नियोजन परामर्श व स्वास्थ्य सुविधा को हर गाँव के हर दम्पति तक पहुँचाया जा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजेश सिंह,अपर विकास अधिकारी ने बाल विवाह के दुष्प्रभाव के बारे में बताते हुए कहा कि जब एक लड़की पढ़ती है तो परिवार सक्षम होता है और लड़का पढता है तो एक व्यक्ति पढ़ता है, इसलिए पहले पढ़ाई फिर सगाई की जानी चाहिए। मोबिअस फाउंडेशन के प्रतिनिधि प्रभात कुमार ने बताया कि बहराइच जिले में 37.5 प्रतिशत लडकियों की शादी 18 वर्ष से पहले ही हो जाती है और यह एक  कानूनन अपराध है। बाल विवाह के विरुद्ध अभियान की शुरुआत मोनिका रानी जिलाधिकारी, बहराइच द्वारा किया गया है। इसके तहत इस अभियान को प्रत्येक गाँव तक पहुँचाना एवं लोगों को जागरूक करना है। अभियान के अंतर्गत शपथ कार्यक्रम, पोस्टर, सेल्फी, वीडियो संदेश आदि के माध्यम से जन जागरूकता लायी जा रही है। इसी क्रम में बाल विवाह के विरुद्ध अभियान के लिए सभी अतिथियों द्वारा पोस्टर का अनावरण किया गया और उपस्थित समुदाय द्वारा शपथ ली गई।

मिशन मैनेजर जितेन्द्र कुमार ने कहा कि कार्यक्रम का लाभ घर-घर तक पहुँच रहा है, इसके लिए सभी समूह का निरंतर सहयोग जरूरी है। परिवार सीमित हो, तभी सभी संसाधन पूरे होंगें और परिवार सक्षम बनेगा। इसी क्रम में सोनी जायसवाल, ब्लॉक सामुदायिक कार्यक्रम प्रबन्धक ने कहा कि बच्चों का 18 वर्ष से पूर्व विवाह नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे कम उम्र में माँ बनने का जोखिम होता है और माँ तथा बच्चे दोनों के जान का खतरा होता है। ग्राम प्रधान निशांत मौर्या ने कहा कि वह कार्यक्रम के लिए गाँव में लोगों को जागरूक करेंगे और गाँव में कोई भी बाल विवाह नही होने देंगें और साथ ही गाँव में दीवार लेखन भी करेंगे। अलीम अहमद, प्रधानाचार्य,उच्च प्राथमिक विद्यालय एवं कल्लन इद्रेशी, जिला संगठन आयुक्त, भारत स्काउट और गाइड ने कहा कि परिवार नियोजन में युवाओं, पुरुषों एवं नवदम्पति की भूमिका महत्वपूर्ण है, उन्हें इस तरह के कार्यक्रम का विशेष लाभ प्राप्त हो रहा है। मेले में विभिन्न विभागों के स्टाल के साथ-साथ पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इण्डिया द्वारा उम्मीद परियोजना के अंतर्गत परिवार नियोजन व किशोर स्वास्थ्य के साथ खेलो और जीतो स्टाल के माध्यम से जानकारियाँ दी गयीं और विजेताओं को गिफ्ट भी दिए गए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपस्थित सी.एच.ओ.,डॉक्टर और ए.एन.एम. के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं और बच्चों तथा किशोर-किशोरियों की स्वास्थ्य जाँच एवं दवा वितरण किया गया। नवदम्पति को शगुन किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही आई.सी.डी.एस. द्वारा अन्नप्राशन एवं गोदभराई कराया गया ।

कार्यक्रम में परिवार नियोजन साधनों के बारे में बताया गया कि सभी स्वास्थ्य केंद्र से निःशुल्क कंडोम, माला-एन,छाया गोली प्राप्त की जा सकती है और कॉपर टी एवं अंतरा के साथ परिवार पूरा होने पर नसबंदी की सेवा भी प्राप्त की जा सकती है। सभी साधन सुरक्षित हैं एवं इसके अपने अपने कार्य करने के तरीके हैं। कार्यक्रम में अतिथि के रूप में  स्वास्थ्य विभाग, आई.सी.डी.एस., आजीविका मिशन, शिक्षा विभाग, पंचायती राज, भारत स्काउट और गाइड आदि की उपस्थिति रही । कार्यक्रम में लगभग 600 लोगों ने भाग लिया। इसमें 335 को परिवार नियोजन,स्वास्थ्य जांच, किशोर स्वास्थ्य तथा अन्य विभागीय सेवाएं प्राप्त हुई। कार्यक्रम में पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ़ इण्डिया से अभिषेक पाठक, बलबीर सिंह एवं सेव अ मदर से बिंदु,अवधेश और फील्ड फैसिलिटेटर की उपस्थिति रही।