आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा, होम्योपैथी आदि चिकित्सा पद्धतियों के प्रचार-प्रसार पर होगा मंथन



  • 60 से अधिक देशों के प्रतिनिधि करेंगे शिरकत
  • आयुष एवं स्वास्थ्य कल्याण पर तीसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन लखनऊ में, 22 फरवरी से

लखनऊ। आयुष एवं स्वास्थ्य कल्याण पर तीसरा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन लखनऊ में 22 फरवरी, 2024 से प्रारम्भ होने जा रहा है। यह चार दिवसीय प्रदर्शनी व सम्मेलन अन्तर्राष्ट्रीय आरोग्य 2024 के तहत आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में चिकित्सा की प्राचीन पद्धतियों में से आयुर्वेद तथा इसके साथ-साथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, होम्योपैथी आदि चिकित्सा प्रणाली से सम्बंधित अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही नवीन शोधों, उपचार, औषधियों आदि के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। इसके साथ ही इस सम्मेलन में इन पद्धतियों को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की रणनीति बनाने के लिए गहन विचार-विमर्श किया जायेगा।

इस सम्बंध में आज लोक भवन स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने बताया कि आम जनमानस के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना तथा आयुष के अंतर्गत आने वाली चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देना एवं इन्हें विकसित करके इसके उपयोग के बारे में नागरिकों को जागरूकता करना इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य है। श्रीमती जौहरी ने कहा कि “हमारा मिशन विश्व स्तर पर आयुष की परिवर्तनकारी क्षमता का प्रदर्शन करना है और इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम सभी लोगों के लिए इससे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी भी देना है। आयुष मंत्रालय भारत सरकार व फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह चार दिवसीय कार्यक्रम 22 से 25 फरवरी, 2024 तक लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में आयोजित किया जाएगा। साथ ही यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार और आयुष निर्यात संवर्धन परिषद (आयुष एक्सिल) द्वारा पोषित है।

‘‘आयुष फॉर वन हेल्थ’’ थीम पर आधारित यह कार्यक्रम वैश्विक संदर्भ में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) सहित पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों की ताकत और वैज्ञानिक मान्यता का प्रदर्शन करेगा और इनके विश्वव्यापी प्रचार, विकास और मान्यता को सुविधाजनक बनाने पर यहां विभिन्न सत्रों में चर्चा की जाएगी। जौहरी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य 2024 एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण में एक नए युग की शुरुआत करता है, जो दुनिया को एक साझा दृष्टिकोण के तहत एकजुट भी करता है। आयुष प्रणालियों के महत्व पर प्रकाश डालकर आधुनिक गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए, हम वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए समग्र समाधानों का समर्थन करते हैं। वैश्विक शिखर सम्मेलन में उपस्थित लोग वैकल्पिक दवाओं के माध्यम से बीमारियों के प्रबंधन पर ज्ञानवर्धक सत्रों में भाग लेने में सक्षम होंगे, जो आयुर्वेद में निहित प्राकृतिक स्वास्थ्य देखभाल समाधानों में भारत के नेतृत्व को रेखांकित करेगा। “अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य 2024” इसलिए भी अत्यधिक महत्व रखता है क्योंकि यह समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में अभिसरण, सहयोग और नवाचार के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य का उद्देश्य हमेशा वैश्विक मान्यता को प्रोत्साहित करना, आयुष प्रथाओं को बढ़ावा देना और विकसित करना, जागरूकता को बढ़ावा देना, हितधारकों की बातचीत और बाजार विकास को सुविधाजनक बनाना है। दिसंबर 2019 में आयोजित दूसरे सफल संस्करण के बाद, “अंतर्राष्ट्रीय आरोग्य 2024” की इस तृतीय श्रृंखला में भारत से बड़ी संख्या में प्रतिनिधि और खरीदार शामिल होंगे। साथ ही आयातकों, नियामकों और सरकारी अधिकारियों सहित 60 देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इसमें वैकल्पिक चिकित्सा के 250 से अधिक निर्माताओं को एक साथ लाने की उम्मीद है, जो अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगे। यह मेगा इवेंट आयुष क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक छत के नीचे एकत्रित करेगा, आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने में मदद करेगा, भारत की वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों में नवीनतम अनुसंधान को बढ़ावा देगा।