गणतंत्र दिवस पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लीड कर रही ‘नारी शक्ति’ को मिला सम्मान



  • कंट्रोल रूम के जरिये लाभार्थियों को प्रेरित कर आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले स्वास्थ्यकर्मी और कंट्रोल रूम को लीड कर रही उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल भी हुईं सम्मानित

गोरखपुर - स्वास्थ्य कार्यक्रमों व सेवाओं के लिए सक्रिय कंट्रोल रूम, मिशन शक्ति कार्यक्रम, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम और आयुष्मान भारत योजना में महत्वपूर्ण योगदान दे रही महिला लीड को गणतंत्र दिवस के मौके पर जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश द्वारा शुक्रवार को सम्मानित किया गया । कंट्रोम रूम के जरिये लाभार्थियों को प्रेरित कर आयुष्मान कार्ड बनवाने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी इस मौके पर सम्मानित हुए ।

ई ड्रिस्ट्रिक्ट कार्यालय में स्थापित कंट्रोम रूम के जरिये आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ग्राम प्रधान, कोटेदार और संबंधित हेल्प डेस्क से सम्पर्क किया जा रहा है। शासन द्वारा प्राप्त सूची के अनुसार सीधे लाभार्थियों से भी सम्पर्क कर उन्हें कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस कार्य की स्वास्थ्य विभाग के स्तर से प्राथमिक स्तर पर मॉनीटरिंग उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल द्वारा की जा रही है । वह प्रशासन के दिशा निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग से मिशन शक्ति कार्यक्रम को भी लीड कर चुकी हैं। उनके योगदान को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया गया । इस कार्य में टीम भावना से सहयोग करने वाली मलेरिया इंस्पेक्टर वंदना श्रीवास्तव, नेहा सिंह, एक्स रे टेक्निशियन रत्नेश, एक्सरे टेक्नीशियन अश्विनी और बेसिक हेल्थ वर्कर शुभम को भी जिलाधिकारी ने सम्मानित किया ।

संचारी रोगों की रोकथाम में बेहतर तकनीकी सहयोग के लिए जेई एईएस कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी सिंह, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना और आयुष्मान भारत योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ संचिता मल्ल को भी जिलाधिकारी ने इस मौके पर सम्मानित किया । अपर जिलाधिकारी प्रशासन पुरूषोत्तम दास गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डीटीओ डॉ गणेश यादव और ई ड्रिस्ट्रिक्ट मैनेजर नीरज श्रीवास्तव ने सभी सम्मानित होने वालों को शुभकामनाएं दी हैं ।

आयुष्मान कार्ड से बचता है समय : उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा सूचना अधिकारी ने बताया कि प्रशासन की प्राथमिकता प्रत्येक पात्र लाभार्थी तक आयुष्मान कार्ड की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है । इस कार्य में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनकी टीम द्वारा कंट्रोल रूम के जरिये योगदान दिया जा रहा है । सूचीबद्ध लाभार्थी को बताया जाता है कि पहले से ही आयुष्मान कार्ड बनवा लेने से इलाज के लिए भर्ती होने पर प्रक्रिया में लगने वाला समय बचता है । यह कार्ड किसी भी सूचीबद्ध सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल से बनवाया जा सकता है । कार्डधारक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा सरकारी प्रावधानों के अनुसार मिलती है । आयुष्मान भारत योजना की सूची में नाम है या नहीं, यह पता लगाने के लिए टॉल फ्री नंबर 14555 पर सम्पर्क करना चाहिए । कार्ड केवल उन्हीं का बनता है जिनका नाम भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तैयार योजना की पात्रता सूची में पहले से शामिल है।