अब तक 71 हजार से अधिक ग्राम चौपालों का किया गया आयोजन



लखनऊ। उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व  निर्देशन में ग्रामीणो की समस्यायों के निराकरण हेतु प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड की दो  ग्राम पंचायतों में प्रत्येक शुक्रवार को  ग्राम चौपाल,(गांव की समस्या -गांव में समाधान)का आयोजन किया जा रहा है और इन‌ ग्राम चौपालों के बहुत ही सार्थक परिणाम निखर कर सामने आ रहे हैं तथा बहुत बड़ी संख्या में लोगों की समस्यायों का निराकरण उनके गांव में ही हो रहा है।

ग्राम चौपालों से जहां गांवों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जमीनी हकीकत का पता चलता है, वहीं सोशल सेक्टर की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आ रही है। उप मुख्यमंत्री  केशव प्रसाद मौर्य के निर्देशों के अनुपालन में ठोस व प्रभावी रूपरेखा बनाकर चौपालों का आयोजन किया जा रहा  है तथा चौपालों से पूर्व गांवों  में सफाई पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है और चौपालों के बारे में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार भी किया जा  रहा है व्यक्तिगत समस्याओं‌ के अलावा सार्वजनिक समस्याओं का भी समाधान चौपालों  में हो रहा है।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम चौपालों का आयोजन विधिवत किया जाता रहे, लेकिन जिन ग्रामों में ग्राम चौपाल हो चुकी हैं, उनसे इतर दूसरे मजरों में ग्राम चौपाल अनवरत रूप से की जायें। उप मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि मोदी ऐप डाउनलोड करने के लिए ग्राम विकास से जुड़े सभी अधिकारियों कर्मचारियों व लाभार्थियों को प्रेरित किया जाए, इस ऐप में गरीब कल्याण की विभिन्न योजनाओं का विवरण रहता है और उससे लाभकारी जानकारी प्राप्त की जा सकती है। मोदी ऐप डाउनलोड करने की ड्राइव चलाई जाए। चौपालों में भी इसके बारे में चर्चा की जाए और लोगों को प्रेरित किया जाए।

ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को प्रदेश की 1553ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपाल का आयोजन किया गया, जिनमें 5401प्रकरणो का निस्तारण गांव पंचायतों में ही कर दिया गया।इन ग्राम चौपालों मे 4837 ब्लाक स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी तथा 8127ग्राम स्तरीय कर्मचारी मौजूद रहे और इन चौपालो में 01लाख 97हजार से  अधिक ग्रामीणों ने सहभागिता की।ग्राम्य विकास आयुक्त ने बताया कि 6जनवरी 23 से अब तक 71 हजार से अधिक ग्राम चौपालों  का आयोजन किया जा चुका है,जिनमें 53 लाख से अधिक  ग्रामीण मौजूद रहे और  3लाख 16हजार  से अधिक  प्रकरणों  का निस्तारण किया गया।