समस्त राजकीय चिकित्सालयों की चिकित्सीय व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी



लखनऊ। सचिव चिकित्सा रंजन कुमार ने समस्त मण्डलीय निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक, अधीक्षिका, मण्डलीय पुरूष-महिला चिकित्सालय, मुख्य चिकित्साधिकारी, तथा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को चिकित्सीय व्यवस्था के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

सचिव चिकित्सा ने कहा कि समस्त राजकीय चिकित्सालयों के प्रभारी चिकित्साधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सालय परिसर अथवा परिसर के निकट अवैध निजी एम्बुलेंस सेवाओं का प्रवेश नही होना चाहिए और न ही चिकित्सालय में इलाज हेतु आने वाले मरीजों को निजी चिकित्सालयों अथवा निजी एम्बुलेंस द्वारा किसी प्रकार से चिकित्सालय के मरीजों को अन्य निजी चिकित्सालय में इलाज हेतु प्रोत्साहित न किया जाए। राजकीय चिकित्सालयों के प्रभारी चिकित्साधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि चिकित्सालय के परिसर में चिकित्सालयों के तैनात स्टॉफ के अतिरिक्त कोई भी अनधिकृत व्यक्ति भ्रमण कार्य न करें, जिससे कि चिकित्सालय में आने वाले मरीजों इलाज में को असुविधा हो। समस्त राजकीय चिकित्सालयों में तैनात चिकित्सक एवं अन्य सहयोगी कर्मचारी/स्टाफ अपने चिकित्सालय परिसर में अपने निर्धारित ड्रेस में, जिस पर उनका नेम प्लेट भी लगा हो, के साथ कार्य स्थल पर उपस्थित रहेंगे, ताकि बाहरी अनधिकृत व्यक्ति की पहचान हो सके।

समस्त मण्डलीय अपर निदेशक एवं समस्त चिकित्साधिकारी तथा निदेशक एवं प्रमुख अधीक्षक अधीक्षिका, मण्डलीय जिला (पुरुष,महिला,संयुक्त व अन्य) चिकित्सालय का यह दायित्व है कि वह आधुनिक प्रचलित तकनीकों का प्रयोग करके यह सुनिश्चित करें कि जिला पुरूष,महिला,संयुक्त व अन्य चिकित्सालयों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रो,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ अपनी कार्य अवधि में उपस्थित रहें एवं आम जनता को अपेक्षित चिकित्सीय सेवाएं सुचारू रूप से मिल सके, जिसमें ओपीडी, डिलीवरी, जाँचें, दवायें और आईपीडी संबंधी सभी अपेक्षित सेवाएं संम्मिलित हैं।

समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी प्रत्येक कार्य दिवस पर ग्रीष्मकाल में प्रातः 8:30 बजे एवं शीतकाल में प्रातः 10:30 बजे एक संक्षिप्त वीडियों कॉन्फ्रेस करके सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों ध्प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात चिकित्सक एवं अन्य स्टाफ की उपस्थिति नियमित रूप से सुनिश्चित करेंगे। यदि किसी कारणवस मुख्य चिकित्साधिकारी किसी कार्य दिवस में प्रश्नगत वीडियों कॉन्फ्रेंस लेने में अनुपलब्ध हों तो उनके द्वारा नामित अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा प्रश्नगत वीडियों कान्फ्रेसिंग की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रश्नगत वीडियों कान्फ्रेसिंग को अधिकतम 10 मिनट के अन्दर समाप्त किया जाय, ताकि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो। समस्त मण्डलीय अपर निदेशक एवं समस्त मुख्य चिकित्साधिकारी नियमित रूप से अनुश्रवण करके यह सुनिश्चित करेंगे कि स्वास्थ्य केन्द्र वार कितनी और कौन-कौन सी सेवाएं जनता को दी जा रही हैं, यथा ओपीडी, डिलीवरी, जाँचें, दवायें और आईपीडी आदि कितनी दी जा रही है और उनके सुधार एवं विस्तार के लिए क्या कार्यवाही की जा सकती है।