फिजियोथेरेपी जागरूकता माह के तहत रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में बोन मिनिरल डेनसिटी कैम्प आयोजित



  • सांस के रोगी रखें अपनी हड्डियों का भी ख्यालः डा.सूर्यकान्त

लखनऊ -  सितम्बर माह को विश्व फिजियोथेरेपी जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू लखनऊ में विश्व फिजियोथेरेपी जागरूकता माह के अवसर पर श्वसन पुनर्वास एवं बोन मिनिरल डेनसिटी के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि सांस के रोगियो की अक्सर दौड़ने पर, भागने पर,  सीढ़ी चढ़ने पर और तेज चलने पर सांस फूलती है । इसलिए वह चलने से बचते हैं, उम्र के साथ उनकी हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। ऐसे सांस के रोगी जो कई सालों से सांस के रोगी हैँ और उम्र भी 40 के ऊपर है ऐसे रोगियों का अपनी हड्डियों की क्षमता (बोन मिनिरल डेनसिटी) की जांच जरूर करवानी चाहिए। आज इस शिविर में 60 मरीजों की बोन मिनिरल डेनसिटी की निःशुल्क जांच की गयी। सांस के रोगियों में लगभग 70 प्रतिशत लोगों की बोन मिनिरल डेनसिटी (बी.एम.डी.) कम पायी गयी, इन सभी को समुचित उपचार दिया गया।

सांस के मरीजों को हड्डियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए डा. सूर्यकान्त ने बताया कि धूप में जरूर बैठें और चलते रहें, वाकिंग इज दी बेस्ट एक्सरसाइज और रक्त में कैल्शियम, विटामिन डी की जांच बीच-बीच में अवश्य कराते रहें। इसके साथ जिन लोगो को हड्डियों में या शरीर में दर्द रहता है उन लोगों को बोन मिनिरल डेनसिटी तथा रक्त में कैल्शियम, विटामिन डी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। जिनकी सांस कई वर्षों से फूल रही हो उन्हें भी साल भर में एक बार बोन मिनिरल डेनसिटी की जांच अवश्य करानी चाहिए और अगर यह कम पायी जाती है तो अपने चिकित्सक से सलाह लें और इसका उचित इलाज करें। इस अवसर पर श्वसन पुर्नवास के लिए कार्डियो रेस्पिरेटरी फिजियोथेरेपिस्ट डा. शिवम श्रीवास्तव ने श्वसन पुर्नवास फिजियोथेरेपी की एक्सरसाइजेस की सलाह दी तथा सोशल वर्कर जिज्ञासा सिंह ने सभी मरीजो की काउसलिंग की साथ ही डाइटिशियन दिव्यानी गुप्ता ने डाइट की सलाह दी। डा0 अंकित कुमार ने बताया कि श्वसन पुर्नवास पर आने वाले समस्त सांस के रोगियों का विशेष ख्याल रखा जाता है और हमेशा जानकारी ली जाती है कि उनकी हड्डियां कमजोर है कि नहीं, इसी आधार पर उन सभी को चिकित्सकीय सलाह दी जाती है।

इस अवसर पर विभाग के चिकित्सक डा. एस.के. वर्मा, डा.आर.एस. कुशवाहा, डा. संतोष कुमार, डा. राजीव गर्ग, डा. अजय कुमार वर्मा, डा. दर्शन कुमार बजाज, डा. ज्योति बाजपाई, डा. अंकित कुमार, जूनियर डाक्टर्स एवं विभाग के अन्य कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।