फाइलेरिया अभियान से राष्ट्रीय सेवा योजना को जोड़ने की तैयारी



  • राजधानी में 27 जिलास्तरीय नोडल को दिया गया एक दिवसीय प्रशिक्षण
  • एनएसएस के तीन लाख बीस हजार छात्र-छात्राओं दिया जाएगा प्रशिक्षण
  • 10 अगस्त से शुरू होने जा रहा फाइलेरिया सर्वजन दवा सेवन अभियान

लखनऊ - प्रदेश में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) के तीन लाख बीस हजार छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रशिक्षित करने का प्रथम चरण शुरू हो गया है। फाइलेरिया उन्मूलन तहत राजधानी स्थित एक होटल में शुक्रवार को 27 जिलास्तरीय नोडल को प्रशिक्षण दिया गया। यह सभी नोडल अब अपने जिलों के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।

प्रशिक्षण सत्र में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ वीपी सिंह ने कई अहम जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त से प्रदेश में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू हो रहा है। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। दवा स्वास्थ्य टीम के सामने ही खानी है। इस बीमारी के लक्षण पांच से 15 वर्ष बाद दिखते हैं इसलिए अगर यह बीमारी है तो भी आपको शुरू में पता नहीं चल पाएगा। जब लक्षण दिखेंगे तब इसका कोई इलाज नहीं होगा। इसलिए इससे बचाव ही संभव है। उन्होंने कहा कि दवा न खाने के लिए कोई बहाना न बनाएं। साल में एक बार की गलती आपको दिव्यांग बना सकती है।  

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र के दौरान बीएमजीएफ (बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन) के डॉ भूपेन्द्र त्रिपाठी ने फाइलेरिया वैश्विक परिदृश्य की जानकारी दी। उन्होंने 24 देशों की स्थिति के सापेक्ष भारत की स्थिति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मच्छर जब किसी फाइलेरिया ग्रस्त को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी यानी माइक्रोफाइलेरिया मच्छर के रक्त में पहुंच जाते हैं और यही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के परजीवी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर देते हैं। संक्रमित व्यक्ति में फाइलेरिया का परजीवी हर दिन 50 हजार नए माइक्रोफाइलेरिया पैदा करता है। इसलिए दवा खाएं और दूसरों को भी खाने के लिए प्रेरित करें।

डॉ मंजू सिंह, राज्य संपर्क अधिकारी, एनएसएस ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के तीन लाख बीस हजार एनएसएस के छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रशिक्षित करने की योजना का यह पहला कदम है। आगे हम इसे स्कूलों में भी ले जाएंगे। उन्होंने युवा वर्ग से अपील की है कि फाइलेरिया उन्मूलन में सहयोग करें।

इस मौके पर फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्य गंगाप्रसाद और बिटटो देवी ने स्वयं के फाइलेरिया ग्रस्त होने से लेकर देखभाल तक के सफर के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही फाइलेरिया रोधी दवा खाने की अपील की। वहीं सत्र के आखिर में विविध सेवा संस्थान के कलाकारों ने फाइलेरिया बीमारी पर नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। आयोजन के आखिर में फाइलेरिया उन्मूलन संबंधी सामूहिक शपथ सत्र और हस्ताक्षर सत्र भी आयोजित हुआ। प्रतिभागियों ने मच्छर से टक्कर, कीड़े पर वार और लगा निशाना प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्था पीसीआई, पाथ और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।