मंडलायुक्त ने किया स्वास्थ्य शिविर का उद्घाटन



  • ग्राम पंचायत कुपोषण मुक्ति कार्यक्रम के पायलट प्रोजेक्ट के तहत  कठवारा ग्राम पंचायत का हुआ चयन
  • शिविर में 20 बच्चों का लिया गया वजन और लंबाई
  • एक बच्चा अति गंभीर कुपोषित और 16 कम वजन के बच्चों की हुई पहचान  

लखनऊ - मंडलायुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर  ग्राम पंचायत कुपोषण मुक्ति कार्यक्रम  के तहत  बक्शी का तालाब ब्लॉक के कठवारा ग्राम पंचायत को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है। इसी क्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग(आईसीडीएस)और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान तथा यूनिसेफ, एचसीएल फाउंडेशन और पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान के सहयोग से कठवारा के  प्राथमिक विद्यालय मल्लाह टोला में स्वास्थ्य शिविर आयोजित हुआ। शिविर का उद्घाटन मंडलायुक्त रोशन जैकब ने फीता काटकर किया।

इस  मौके पर मंडलायुक्त ने कहा कि गर्भवती,धात्री और छोटे बच्चों को सुपोषित बनाने के लिए जून माह से संभव अभियान शुरू हुआ है जो कि सितंबर चलेगा । अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। जिसमें आईसीडीएस, स्वास्थ्य, पंचायती राज सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं सहयोग कर रही है। गर्भवती और छह माह तक के बच्चों में कुपोषण को पहचानना और इसका प्रबंधन बहुत जरूरी है । यदि गर्भवती कुपोषित है तो गर्भ में पल रहा बच्चा भी कुपोषित होगा। इसलिए इसका प्रबंधन बहुत जरूरी है । इसी तरह छह माह तक की आयु के बच्चों में कुपोषण की पहचान और उसका प्रबंधन इसलिए आवश्यक है कि इसका असर बच्चे पर आजीवन पड़ता है। इसलिए बच्चे, गर्भवती का वजन और लंबाई नापी जा रही है ताकि समय से अति गंभीर कुपोषित( सैम )और कुपोषित और कम वजन के बच्चों की  पहचान कर प्रबंधन किया जा सके।

मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल ने बताया कि ग्राम पंचायत कुपोषण मुक्ति कार्यक्रम के तहत कठवारा ग्राम पंचायत में जो पहल शुरू की गई है उसमें स्वयं सेवी संस्था एचसीएल और पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान द्वारा छह माह से पाँच साल तक की आयु के बच्चों का वजन कर सैम, मैम और कम वजन के बच्चों की पहचान कर उन्हें 14 दिन तक पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा और बच्चे के खान –पान तथा देखभाल के बारे में उनकी माँ को परामर्श दिया । इसके  साथ ही  संस्था के लोगों के द्वारा 14 दिन तक लगातार दिन में तीन बार बच्चे के घर पर जाकर फॉलो अप किया जाएगा ।

इस अवसर पर पहली तिमाही की गर्भवती कैलाश और सावित्री की गोद भराई की गई और छह माह की आयु पूरी कर चुके बच्चे संतोषी का अन्नप्राशन किया गया । इसके साथ ही बच्चों  वेदांता, दिव्या और विशाल को पोषण थाली दी गई। शिविर में आईसीडीएस विभाग द्वारा दिए जा रहे पोषाहार से बने व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया और अंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा लाभार्थियों को बताया गया कि पौष्टिक आहार का सेवन कर कुपोषण को दूर किया जा सकता है।

शिविर में छह माह से पाँच  वर्ष तक की आयु के 20 बच्चों का वजन और लंबाई ली गई जिसमें एक सैम बच्चा और 16 कम वजन के बच्चों की पहचान हुई। सैम बच्चे का इलाज तुरंत ही शुरू कर दिया गया और उसे आवश्यक  दवायें और उसकी माँ को परामर्श दिया गया।

इस कार्यक्रम में उप जिलाधिकारी प्रज्ञा पांडे, जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेंद्र दुबे, खंड विकास अधिकारी संजीव गुप्ता, सीडीपीओ जय प्रताप सिंह, सुपरवाइजर, यूनिसेफ से अनीता, सीएचसी अधीक्षक डा.जेपी सिंह, पंचायत सचिव दिनेश पांडे एचसीएल से निधि, कीर्ति, पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्थान के डा. भानु, राघवेंद्र सिंह, कठवारा के ग्राम प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका, प्राथमिक विद्यालय के बच्चे, पोषण पंचायत समिति, मातृ समिति और ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति के विभिन्न सदस्य और शामिल हुए।