कैदियों को टीबी, एचआईवी, हेपेटाइटिस से बचाने को अभियान



  • यूपी स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के नेतृत्व में चलेगा अभियान
  • प्रदेश के सभी कारागारों के अलावा बाल सुधार गृह, मद्य निषेध केंद्रों में होगी जांच

लखनऊ - प्रदेश की जेलों में निरुद्ध कैदियों,  बाल सुधार गृहों में निरुद्ध बच्चों और मद्य निषेध केंद्रों के लाभार्थियों को एचआईवी, टीबी, हेपेटाइटिस बी/सी और सिफलिस से सुरक्षित रखने के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संस्थान (नाको) जल्द ही अभियान शुरू करने जा रहा है। इसी अभियान को लेयकर यूपी स्टेट एड्स नियंत्रण सोसाइटी के अपर परियोजना निदेशक डॉ हीरालाल की अध्यक्षता में बुधवार को सोसाइटी सभागार कक्ष में बैठक हुई जिसमें आगे की कार्ययोजना बनाई गई।

डॉ हीरालाल ने मौजूद सभी विभागीय प्रतिनिधियों को इस दिशा में एकजुट होकर काम करने को कहा। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर सभी विभागों में टीबी,  हेपटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम और महिला कल्याण विभाग के नोडल अधिकारी नामित किए जाएं तथा उन सभी के साथ बैठक की जाए,  जिससे अभियान प्रभावी रूप से संपन्न हो सके। सभी विभागों के पारस्परिक सहयोग से ही यह अभियान सफल होगा।

अपर परियोजना निदेशक ने कहा कि अभियान के दौरान प्रचार-प्रसार गतिविधियों को प्रभावी रूप में किया जाए। सभी जगह व्यापक रूप से वॉल राइटिंग कराई जाए। सभी कारागार के कम्युनिटी रेडियो पर जागरूकता के लिए तैयार किए गए रेडियो जिंगल का भी प्रसारण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही अभियान के दौरान पर्याप्त मात्रा में टेस्टिंग किट की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने आगे की तैयारियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा।

बैठक मे सोसाइटी के संयुक्त निदेशक रमेश श्रीवास्तव, स्टेट टीबी अफसर डॉ शैलेन्द्र भटनागर,  महिला कल्याण विभाग से उपनिदेशक  बीएस निरंजन, मद्य निषेध विभाग के राम राजवंशी तथा हेपटाइटिस कायर्कम से डॉ विकासेंदु अग्रवाल ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। बैठक में डॉ एके सिंहल,  डॉ गीता अग्रवाल, राज्य कारागार कोर्डिनेटर अमृता सोनी, अवंतिका श्रीवास्तव, संतोष कुमार आदि उपस्थित थे।