'इस देश का ड्रीम प्रोजक्ट है बुलेट ट्रेन', निजी हित में नहीं रोका जा सकता



नई दिल्ली/मुंबई(डेस्क) - बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार और एनएचएसआरसीएल की ओर से मुंबई के विखरोली क्षेत्र में शुरू किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज एंड बॉयस की याचिका गुरुवार (9 फरवरी) को खारिज कर दी है।

 गोदरेज एंड बॉयस द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि यह एक ड्रीम प्रोजेक्ट है और देश को इसकी जरूरत है। कंपनी की ओर से पेश वकील नवरोज सीरवई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए आदेश पर रोक लगाने की मांग की है । सीरवई ने कहा कि मैं स्टे की मांग नहीं कर कर रहा हूं। मैं सिर्फ यथास्थिति की मांग कर रहा हूं।

मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर भूमिगत रहेगी। भूमिगत सुरंग का एक प्रवेश बिंदु विखरोली में गोदरेज की जमीन पर पड़ता है। राज्य सरकार और राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) ने दावा किया था कि कंपनी के कारण पूरी परियोजना में देरी हो रही है। सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि गोदरेज एंड बॉयस मेन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के विखरोली क्षेत्र स्थित इलाके को छोड़कर परियोजना के पूरे मार्ग के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।