भारतीय वायु सेना फरवरी में चीन सीमा पर करेगी ‘पूर्वी आकाश’ हवाई अभ्यास



  • राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमान हासीमारा, तेजपुर और चबुआ हवाई अड्डों से उड़ान भरेंगे
  • वायु सेना पूर्वोत्तर में सभी प्रमुख हवाई ठिकानों को शामिल करते हुए अभ्यास प्रलय भी करेगी

लखनऊ(डेस्क) - चीन के साथ पूर्वी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव के बीच भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमान अरुणाचल प्रदेश, असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में हवाई युद्धाभ्यास करेंगे। आईएएफ ने कहा कि पूर्वी वायु कमान फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान अपने वार्षिक कमांड-स्तरीय अभ्यास का आयोजन करेगी। पूर्वी आकाश नाम का यह अभ्यास कोविड-19 महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद आयोजित किया जाएगा। इस हवाई अभ्यास में कमान के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और परिवहन विमान शामिल होंगे।

इस हवाई अभ्यास में परिवहन और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों सहित वायु सेना की प्रमुख लड़ाकू संपत्तियां दिखाई देंगी। इसमें राफेल और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान हासीमारा, तेजपुर और चबुआ हवाई अड्डों से उड़ान भरेंगे। पिछले साल 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई झड़पों के बाद वायुसेना ने पिछले महीने पूर्वोत्तर में दो दिवसीय अभ्यास भी किया था।