राष्ट्रीय पर्यटन नीति अगले बजट सत्र से पहले लाई जायेगी



नई दिल्ली (डेस्क) - केंद्र अगले बजट से पहले एक राष्ट्रीय पर्यटन नीति का अनावरण करेगा। यह पर्यटन क्षेत्र के लिए 50,000 करोड़ रुपये की आपातकालीन क्रेडिट लाइन की भी घोषणा करेगा। धर्मशाला में पर्यटन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन पर्यटन, संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।

पर्यटन मंत्री ने पहले ही दिन स्पष्ट कर दिया है कि देश समेत हिमाचल के धार्मिक पर्यटन स्थलों, जिसमें मुख्य रूप से बौद्ध धर्म से संबंधित धार्मिक स्थलों को रेलवे से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि दो साल में सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के तहत देश में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देगी। दुनिया में 99 फीसदी पर्यटन ढांचे को पीपीपी मोड के तहत लाया गया है। केंद्र सरकार राज्यों को निवेश आकर्षित करने के लिए एक सूत्रधार के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार विरासत, साहसिक और सांस्कृतिक पर्यटन में निजी निवेश की मांग करेगी।

प्रेस-वार्ता के दौरान पर्यटन और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारत पर्यटन, आध्यात्मिकता, परिवर्तन, संस्कृति और विविधता का पर्याय बन चुका है। यह बहुत गौरव की बात है कि है कि हम विस्तार के नित-नये आयाम जोड़ते जा रहे है और भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अग्रसर हैं। इसी क्रम में पर्यटन सेक्टर के महत्त्व को पहचानते हुये पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न पहलें की हैं तथा चतुष्कोणीय विकास रणनीति बनाई है, जो वायु, रेल और सड़क द्वारा कनेक्टीविटी में सुधार करने, पर्यटन अवसंरचना तथा सम्बंधित सेवाओं को बढ़ाने, ब्रांडिंग व प्रोत्साहन को दुरुस्त करने तथा संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने से जुड़ी है।

बता दें कि सम्मेलन को पर्यटन अवसंरचना विकास तथा सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और विरासत पर्यटन, हिमालय क्षेत्र में पर्यटन, दायित्वपूर्ण व सतत पर्यटन, पर्यटन गंतव्यों के प्रोत्साहन व प्रचार के लिये डिजिटल प्रौद्योगिकी की भूमिका, भारतीय सत्कार सेक्टर में होम-स्टे का उभरता महत्त्व, आयुर्वेद, आरोग्य व औषधि केंद्रित पर्यटन तथा वन व वन्यजीवन पर्यटन की विषयवस्तु सम्बंधी सत्रों में बांटा गया है।

कार्यक्रम में पर्यटन और रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, पर्यटन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री  श्रीपाद नाईक, पर्यटन मंत्रालय के अपर सचिव राकेश कुमार वर्मा तथा अन्य वरिष्ठ गणमान्य उपस्थित थे।

प्रेस-वार्ता के बाद कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी सम्मिलित हुये।