वाहनों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों में ही कराना होगा



नई दिल्ली (डेस्क) - अगले दो सालों में चार पहिया व्ययसायिक और निजी वाहनों को ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) में वाहनों की फिटनेस टेस्ट करना अनिवार्य हो जाएगा। केंद्र सरकार ने इस बाबत पांच अप्रैल को अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें उल्लेख है कि अप्रैल 2023 से व्यवसायिक व जून 2024 से निजी वाहनों पर यह नियम लागू कर दिया जाएगा।

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि एक अप्रैल, 2023 से एटीएस के जरिये भारी व्यवसायिक वाहनों और भारी यात्री वाहनों के लिए फिटनेस टेस्ट अनिवार्य होगा, जबकि मध्यम आकार के व्यवसायिक ढुलाई वाहनों या मध्यम यात्री व्यवसायिक वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (निजी वाहनों) के लिए यह नियम एक जून, 2024 से प्रभावी कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने गत दो फरवरी को प्रारूप अधिसूचना जारी कर हितधारकों से सुझाव-आपत्ति मांग थी। इसके पश्चात इसे लागू करने की अंतिम अधिसूचना पांच अप्रैल को जारी कर दी है।

केंद्र सरकार कबाड़ नीति के तहत वाहनों की फिटनेस टेस्ट स्टेशन के लिए 10 राज्यों में अत्याधुनिक मॉडल निरीक्षण-प्रमाणीकण (आई एंड सी) सेंटर स्थापित की अधिसूचना गत वर्ष 22 दिसंबर को जारी कर चुकी है।

इस मॉडल के आधार पर दूसरे राज्यों को अपने यहां आई एंड सी सेंटर स्थापित करने होंगे। आई एंड सी सेंटरों पर दो पहिया, तीन पहिया, चार पहिया, निजी व व्यवसायिक वाहनों की फिटनेस टेस्ट, प्रमाण पत्र व विशेष स्टीकर जारी किया जाएगा। यहां पर वायु प्रदूषण टेस्ट की सुविधा भी होगी।

दक्ष कर्मी व आधुनिक मशीनें करेंगी फिटनेस टेस्ट : आई एडं सी सेंटरों का स्टाफ फिटनेस टेस्ट कराने के लिए आने वाले वाहन का नंबर, वाहन मालिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि जानकारी सरकार के वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। राज्य सरकार की वेबसाइट केंद्र सरकार के केंद्रीयकृत डाटा सेंटर से जुड़ी रहेग,  जिससे देश के किसी भी हिस्से में वाहन की संपूर्ण जानकारी हासिल की जा सकेगी। सेंटरों पर दक्ष कर्मियों व आधुनिक मशीनों की मदद से वाहनों की बॉडी, चेचिंस, पहिया, टायर, ब्रेकिंग सिस्टम, स्टेरिंग, लाइट आदि का टेस्ट किया जाएगा।