स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार के सहयोग से कोविड टीकाकरण पर मीडिया कार्यशाला आयोजित



लखनऊ - मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सोमवार को कोविड टीकाकरण  पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था के सहयोग से मीडिया कार्यशाला आयोजित हुई |

इस मौके पर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एम.के.सिंह ने कहा- कोरोना  से निपटने में जिस तरह से  मीडिया ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का साथ दिया है, आगे भी इसी तरह के सहयोग की अपेक्षा है | जनपद को पूर्ण रूप से कोविड टीकाकरण  से आच्छादित करने में मीडिया की अहम भूमिका हो सकती है | लोगों को कोविड टीके की दोनो डोज लगवाने के बारे में जागरूक करने में मीडिया के सहयोग की जरूरत भी है  |   

डॉ. सिंह ने कहा- कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों  डोज़ लगवाना बहुत जरूरी है,  क्योंकि तभी प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। इसलिए हमारा फोकस है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को  कोविड वैक्सीन के दोनों टीके लग जाएं। जनपद में हर दूसरे व्यक्ति ने कोविड वैक्सीन की दोनों डोज ले ली हैं | हमें अब  भी सतर्क रहना है, कोरोना अभी पूरी तरह से गया नहीं है | इसलिए कोरोना के दोनों टीके लगने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार करना है |

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया - जिले में लगभग 50  लाख लोगों को कोविड का टीका लग चुका है जिसमें   32.15   लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज और  17.07 लाख लोगों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है अर्थात लगभग 86 फीसद जनसंख्या पहली डोज से और 45.6 फीसद जनसंख्या दोनों डोज से आच्छादित हो चुकी है |

जनपद में अब तक हुए कुल टीकाकरण में 54.4 प्रतिशत पुरुषों और 45.6 प्रतिशत महिलाओं ने कोविड का टीका लगवाया है | शहरी क्षेत्रों में 90.1  फीसद लोगों ने कोविड के टीके की पहली डोज और 55.9 फीसद लोगों ने टीके की दोनों डोज लगवा ली है | ग्रामीण क्षेत्रों में 78.5  फीसद लोगों ने कोविड के टीके की पहली डोज और 27.8 फीसद लोगों ने कोविड टीके की दोनों  डोज लगवा ली है |

जनपद में 3 से 30 नवंबर तक “हर घर दस्तक” अभियान चलाया जा रहा है | इस अभियान का उद्देश्य लोगों को कोविड के टीके की दोनों डोज लगवाने के लिए प्रेरित करना, हर घर तक पहुँचकर उन लाभार्थियों की पहचान करना जो कोविड के टीके लगवाने योग्य है साथ ही उन्हें टीकाकृत करना, कोविन एप में पंजीकरण करने में मदद करना तथा लोगों को कोविड के टीके लगवाने के बाद भी कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करने के लिए प्रेरित करना है |

टीकाकरण को लेकर लोगों में अनेक भ्रांतियां हैं कि इस टीके को लगवाने से बीमार हो जाते हैं जबकि यह सही नहीं है | टीका लगवाने के बाद शरीर में बीमारी से लड़ने की ताकत पहुँचती है | लेंसेट , इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल के अध्ययन में यह सामने आया है कि टीका लगने के बाद संक्रमण गंभीर और जानलेवा नहीं होता है | इसके साथ ही उनके द्वारा  दूसरे लोगों में संक्रमण का प्रसार भी कम होता है जिससे उनके सगे-संबंधी, परिवार व अन्य लोग सुरक्षित रहते हैं | नेचर्स जर्नल ने अपनी स्टडी में पाया है कि औसतन एक जनसंख्या में टीकाकृत व्यक्तियों की हर 20 % वृद्धि पर उसी जनसंख्या में पूर्व में आ रहे कोविड केस  दुगुनी संख्या में कम हो जाते हैं |

डा. सिंह ने कहा- गर्भावस्था से कोविड संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ता है | गर्भवती यदि कोविड के दोनों टीके लगवा लेती है तो वह स्वयं तो कोरोना से सुरक्षित रहती है साथ में उसका गर्भस्थ शिशु भी सुरक्षित रहता है | गर्भवती और धात्री महिला को यह विश्वास दिलाना है कि अन्य टीके की तरह कोविड का टीका लगने के बाद  हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है  |  कोविड के तीनों टीके कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक गर्भवती और धात्री के लिये पूरी तरह सुरक्षित हैं |  कोविड का टीका लगवाने के बाद गर्भवती और धात्री को कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना है |

कोविड-19 टीकाकरण का प्रमाणपत्र अब रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर से व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर पाया जा सकता है । इसके लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने व्हाट्सएप नम्बर - 9013151515 जारी किया है, जिस पर सन्देश भेजकर वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट ही नहीं बल्कि कोविड-19 से जुड़ी अन्य जानकारियां भी प्राप्त की जा सकती हैं ।

वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में कोई गलती में सुधार करने के लिए  हेल्प लाइन न. - 0120 - 4473222 पर कॉल कर सकते हैं | इसके अलावा https://selfregistration.cowin.gov.in/ पर लाग  इन कर “रेज एंड इश्यू” पर क्लिक करें आप अपने सर्टिफिकेट में सुधार कर सकते हैं |

इसके साथ ही कोविड टीकाकरण से संबंधित जानकारी आईसीसीसी – 0522 - 4523000 पर कॉल कर ले सकते हैं |

इस मौके पर उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मिलिंद वर्धन, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी कार्यालय से प्रशांत सिंह चौहान, यूएनडीपी से डा.  नीरज नागर व महेश तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के कर्मचारी व सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे |