जलेस का राष्ट्रीय सम्मेलन लोकतान्त्रिक मूल्यों की रक्षा के संकल्प के साथ संपन्न



  • नई कार्यकारिणी में असगर वजाहत अध्यक्ष, संजीव कुमार महासचिव चुने गए
  • लखनऊ के नलिन रंजन सिंह राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव चुने गए

जयपुर -  जनवादी लेखक संघ का दसवां राष्ट्रीय सम्मेलन जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायत राज संभागार में आज संपन्न हुआ। इस राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन वक्तव्य मैंगसेस पुरस्कार प्राप्त प्रसिद्ध पत्रकार और कृषि संकट के गंभीर अध्येता पी साईनाथ ने दिया। उन्होंने बतलाया कि मौजूदा निज़ाम किसान मजदूर और निम्न मध्यवर्ग का विरोधी तथा शासकवर्गीय पूंजीपति का सहयोगी है तथा आवारा पूंजी की साम्राज्यशाही ताक़त से अतीतगामी ताकतों वाले पुराने मनुवादी निज़ाम को लाकर आम जन की ज़िंदगी पर थोपने का काम कर रहा है। यह निज़ाम लोकतंत्र की हमारी स्वाधीनता आंदोलन द्वारा पोषित उदार पूंजीवादी लोकतंत्र को खत्म कर हिंदुत्व के नाम पर हमारी सच्ची राष्ट्रीय धारा के बीच बने हुए पुल को नफ़रतीय धारणाओं को फैलाकर तोड़ने का काम कर रहा है। अतः ज़रूरी हो गया है कि हम अपनी लोकतांत्रिक मूल्यों वाली परंपरा को नीचे तक ले जायें। वह काम मध्यवर्ग की भाषा खड़ी बोली हिन्दी से संभव नहीं है। उसके लिए हमको अपनी बोलियों को भी काम में लेने की जरूरत है जिनको हमारा मेहनतकश तबका समझता है। फासीवाद और मनुवाद से लड़ने के लिए हमको अपनी रणनीति भी बदलने की जरूरत है।

इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए प्रसिद्ध विचारक राम पुनियानी ने भी विस्तार से मनुवादी फ़ासीवद की ऐतिहासिक जड़ों पर प्रकाश डाला। प्रसिद्ध दलित विचारक बिजवाड़ा विल्सन ने भी इसी सत्र में अपनी ओजस्वी शैली से इस व्यवस्था के अंतर्विरोधों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमको अपनी तरफ़ भी देखने की जरूरत है। सम्मेलन के विचार सत्र में प्रो. आंनद कुमार, नंदिता नारायण, प्रो. रतन लाल ने देश के ज्वलंत मुद्धों पर अपने विचार व्यक्त किए।

राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत में लेखकों का एक मोर्चा गांधी सर्किल से इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान तक निकाला गया। इसके बाद एक प्रभावी नाटक तथागत का मंचन हुआ। इस अवसर पर कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया, जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों से आए कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। सम्मेलन के संगठनात्क सत्रों में दस प्रस्ताव पारित किए गए तथा जनवादी लेखक संघ की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव किया गया है।

नव गठित कार्यकारिणी इस प्रकार है :

  • संरक्षक मण्डल - रमेश कुंतल मेघ, मुरली मनोहर प्रसाद सिंह, शेखर जोशी, कांति मोहन, वकार सिद्धिकी, आलोक धन्वा
  • अध्यक्ष - असगर वजाहत कार्यकारी अध्यक्ष- चंचल चौहान, राजेश जोशी
  • उपाध्यक्ष- इब्बार रब्बी, राम प्रकाश त्रिपाठी, नमिता सिंह, विष्णु नागर, डॉ. मृणाल, डॉ. जीवन सिंह, प्रहलाद चंद्र दास
  • महासचिव- संजीव कुमार
  • संयुक्त महासचिव- बजरंग बिहारी तिवारी, नलिन रंजन सिंह, संदीप मील
  • सचिव- रेखा अवस्थी, शुभा, मनमोहन, अली इमाम खान, नीरज सिंह, मनोज कुलकर्णी, बलीसिंह, सुधीर सिंह, विनीताभ, हरियश राय, राजीव गुप्ता, खालिद अशरफ
  • कोषाध्यक्ष- जवरीमल पारख