अध्यक्ष की आसंदी मर्यादा, संतुलन और न्याय का प्रतीकः नरेंद्र सिंह तोमर



  • हमारे देश में लोकतंत्र वैदिक काल से ही मौजूदः नरेंद्र सिंह तोमर

भोपाल । वैदिक काल से ही हमारे देश में लोकतंत्र मौजूद है। यह हमारी आत्मा में रचा-बसा है। यही कारण है कि हमारी हस्ती मिटाई नहीं जा सकती है। लोकसभा हो या विधानसभाएं अध्यक्ष की भूमिका लोकतंत्र में बहुत महत्वपूर्ण है। वह अपने शब्दों तर्कों और व्यवहार से सभा के सदस्यों को संतुष्ट करता है। वह किसी शक्ति का नहीं बल्कि मर्यादा, संतुलन, समन्वय और न्याय का प्रतीक है। पक्ष और विपक्ष एक दूसरे के पूरक हैं। लोकतंत्र में आसंदी सभी के प्रति उत्तरदायी  है। विधानसभाएं भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करती हैं। उक्त बातें मध्यप्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एमसीयू में आयोजित मास्टर क्लास में बतौर मुख्य वक्ता विद्यार्थियों से कहीं। वे विश्वविद्यालय में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में "अध्यक्ष की आसंदी" विषय पर बोल रहे थे।

श्री तोमर ने आरंभ में माखनलाल चतुर्वेदी जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि कहा कि हम आज किसी भी क्षेत्र में काम करें लोकतंत्र की बुनियाद और उसके पीछे हमारे महान पुरखों के बलिदान हमारे जहन में हमेशा रहने चाहिए। आजादी के आंदोलन और उसमें बलिदान देने वाले नायकों के संघर्षों के कारण ही आज हम स्वाधीन समाज में सांस ले पा रहे हैं। हर नागरिक की यह जिम्मेदारी है कि वह लोकतंत्र के मूल्यों और इसके लिए त्याग करने वाले बलिदानियों को याद रखें। नागरिक जहां जागरूक होगें राजनैतिक व्यवस्था उतनी ही बेहतर होगी। हमें इस स्वतंत्रता को अक्षुण्य रखना है। विधानसभायें विकास पर चर्चाएं करती हैं जिसका लाभ क्षेत्र की जनता को मिलता है। विधानसभा में विधायक की भूमिका जरूरी है। लेकिन इसका प्रभाव तभी अच्छा होगा जब विधायक नियम, प्रक्रियाओं और विषयों को अच्छे से समझेंगे और सदन में उठायेंगे।

अपने उद्बोधन में श्री तोमर ने मध्य प्रदेश की विधानसभा में अपनाए जा रहे नवाचारों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि सदन में महिला विधायकों के लिए सवाल पूछने और उन्हें अधिक समय मिलने के उद्देश्य से एक विशेष दिन उनके सवालों के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने विधानसभा पुस्तकालय के अभिलेखों को डिजिटलाइज करने और जल्द ही उसे ऑनलाइन करने के प्रयासों की भी चर्चा की।

इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लोकतंत्र की परंपराएं सभी के सहयोग से ही बनी रहेंगी। हमारा हर कदम शब्द और आचरण स्वाधीनता सेनानियों के सपनों के अनुरूप हो। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग करने पर भी विचार किया जा रहा है।  विद्यार्थियों और भावी पत्रकार बनने वाले युवाओं के लिए अध्ययन बहुत ही आवश्यक है।

कार्यक्रम के आरंभ में विद्यार्थियों के लिए विशेष तौर पर आयोजित होने वाली मास्टर क्लास के उद्देश्यों पर अपनी बात रखते हुए कुलगुरू श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि इस आयोजन का महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि पत्रकारिता के से इतर विविध विषयों के विशेषज्ञों को विद्यार्थियों से रूबरू करवाकर समाज के कई जरूरी विषयों की जानकारी उन्हें दी जाए। उन्होंने कहा कि राजनैतिक रिर्पोटिंग कैसे की जाए विधानसभा में कैसे कामकाज होता है और अध्यक्ष की भूमिका क्या होती है इन सब विषयों से विद्यार्थियों का परिचय करवाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की मास्टर क्लास आयोजित की गई है। इस अवसर पर कुलगुरू ने विद्यार्थियों से कहा कि स्थाई सफलता के लिए अनेक गुणों का समन्वय आवश्यक है।

इस अवसर पर मीडिया प्रबंधन के विद्यार्थियों द्वारा प्रकाशित प्रायोगिक समाचार पत्रों का विमोचन भी विधानसभा अध्यक्ष तथा कुलगुरु द्वारा किया गया। कार्यकम का संचालन जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि तथा उपस्थित गणमान्य नागरिकों का आभार विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर पी शशिकला ने किया। इस अवसर पर समस्त विभागों के विद्यार्थी एवं प्राध्यापक उपस्थित थे।