गाजियाबाद / नई दिल्ली(डेस्क) - आयुष मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन- डब्ल्यू एच ओ के सहयोग से आज गाजियाबाद में हर्बल औषधियों के लिए डब्ल्यूएचओ-अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग कार्यशाला के उद्घाटन सत्र का आयोजन किया। कार्यशाला का उद्घाटन सत्र हर्बल औषधियों की सुरक्षा और विनियमन, उनकी प्रभावकारिता और हर्बल औषधियों के इच्छित उपयोग पर केंद्रित था।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने आयुष प्रणालियों के वैज्ञानिक सत्यापन और वैश्विक स्वीकृति के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत डब्ल्यू एच ओ - आई आर सी एच मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग को बढ़ाने में गहराई से लगा हुआ है।
तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य नियामक अभिसरण, गुणवत्ता आश्वासन और पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में हर्बल औषधियों की नैदानिक प्रासंगिकता पर विचार-विमर्श करना है। डब्ल्यू एच ओ के सदस्य देशों, नियामक प्राधिकरणों, शिक्षाविदों, अनुसंधान निकायों और हर्बल औषधि उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।