आयुष्‍मान भारत योजना में दो माह में 13000 लाभार्थियों का कार्ड बना



  • सीएमओ के निर्देशन में चलाया जा रहा है अभियान  
  • पात्र लाभार्थियों को खोजकर बनाया जा रहा आयुष्‍मान कार्ड

संतकबीरनगर - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत चलाई जा रही आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को योजना से आच्छादित करने का काम तेजी से चल रहा है। सीएमओ के निर्देशन में चलाए जा रहे इस अभियान में पिछले दो माह में आयुष्मान योजना के 13000 पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है । वहीं अब तक जिले के 20000 से अधिक लोगों ने इस योजना का लाभ प्राप्त करते हुए तकरीबन 16 करोड़ रुपए का क्लेम लिया है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मोहन झा बताते हैं कि जिले में अभी तक 74317 पात्र परिवारों के करीब 1.62 लाख  लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। 31 अगस्त तक करीब कुल 1.53 लाख पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा सका था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिरुद्ध सिंह ने सितंबर माह से जिले में व्यापक तरीके से अभियान चलाया ताकि सभी पात्रों को योजना से लाभान्वित किया जा सके। सितंबर में ही 4347 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। इस अभियान में ग्राम सचिव, कामन सर्विस सेंटर, आशा संगिनी, आयुष्मान मित्र और आशा कार्यकर्ता सभी को लगाया गया । नतीजा यह हुआ कि खोज - खोजकर लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। यह अभियान अब भी जारी है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रतिदिन इसकी समीक्षा की जा रही है।

निःशुल्‍क बदला गया राजबली का कूल्हा : मझौवा एकडंगा के 52 वर्षीय राजबली बताते हैं कि उनका कूल्हा टूट गया था, जिसके चलते कूल्हा प्रत्यारोपण करना पड़ा। जब कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण की बात सामने आई तो महंगा इलाज कराना आर्थिक तौर पर उनके लिए संभव नहीं था। जिला अस्‍पताल की आयुष्‍मान मित्र उर्मिला ने देखा तो सूची में उनका नाम था, लेकिन आयुष्‍मान कार्ड नहीं बना था। उनका आयुष्‍मान कार्ड बनाया गया और कूल्‍हे का प्रत्‍यारोपण हो सका । आयुष्मान कार्ड नहीं होता तो इतना महंगा इलाज संभव नहीं था। जिला अस्पताल में डॉ. सोहन ने उनके कूल्हे का प्रत्यारोपण किया। चिकित्सक बताते हैं कि कूल्हा प्रत्यारोपण का पैकेज तकरीबन 1.25 लाख का है, लेकिन आयुष्मान भारत योजना के तहत यह निशुल्क संभव हो सका।

मिलता है पांच लाख तक का निःशुल्‍क इलाज : आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. जनमेजय सिंह बताते हैं कि योजना के तहत जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड रहता है उनको प्रतिवर्ष पांच लाख रुपए तक का निःशुल्‍क इलाज मिलता है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए योजना की सूची में नाम होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त तीन तलाक पीड़ित महिलाएं, पंजीकृत भवन निर्माण से जुड़े कारीगरों व मजदूर और अन्त्योदय कार्ड धारक परिवारों के लोग आयुष्मान भारत योजना के पात्र हैं।