बदलते मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की जरूरत



बाराबंकी - बदलता मौसम वर्तमान में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को बीमार कर रहा है। कभी सर्द तो कभी गर्म मौसम होने के कारण सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां लोगों को परेशान कर रही हैं। ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी शुरू हो जाता है, इसलिए इस समय सावधान रहने की जरूरत है ।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नोडल अधिकारी डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि बदलते मौसम में लापरवाही स्वास्थ्य के लिए परेशानी का कारण बन सकती है। वर्तमान मौसम में वायरल फीवर, सिरदर्द और शरीर में भारीपन महसूस होता है। साथ ही बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए भी बदलता मौसम परेशानी भरा होता है। ऐसे में लोगों को अपने खानपान के साथ-साथ दिनचर्या को भी ठीक रखना जरूरी है। साथ ही यह मौसम सबसे पहले कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग चपेट में आते हैं, इसलिए बच्चों को सर्दी-खांसी, जुकाम जैसे तरह-तरह के वायरल और अन्य बीमारियों जैसे दस्त निमोनिया आदि से बचाने के लिए उनका खास ख्याल रखें।

उन्होंने बताया आजकल तापमान में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है। दिन का तापमान कभी बढ़ जाता है तो रात में पारा लुढ़क जाता है। खासकर छोटे बच्चों और महिलाएं जिन्हें आयरन, प्रोटीन सम्पूर्ण रूप से नहीं मिल पता है। ऐसे में थोड़ी भी असावधानी सेहत बिगाड़ सकती है। खासकर अगर आपका शरीर कमजोर है तो ऐसी लापरवाही काफी महंगी भी साबित हो सकती है। उनका कहना है कि सिर्फ खाना नहीं हमें स्वस्थ और संतुलित यानि प्रोटीन, आयरन, विटामिन युक्त आहार अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। इसके लिए हम घर पर ही बने खाने पर ध्यान देना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुये बाहर के खान-पान से स्वयं एवं अपने पूरे परिवार को बचाएं।

एसीएमओ ने बताया कि इस बदलते मौसम में दमा (सांस लेने में कठिनाई) के रोगियों की समस्या बढ़ जाती हैं। यह एक एलर्जिक बीमारी है, जिसमें सांस फूल जाती है और सांस मार्ग सिकुड़ जाता है। ऐसे में वायु प्रदूषण, धूल, सिगरेट का धुआं आदि नुक़सानदेह साबित होते हैं इसलिए आपको जिन चीजों से एलर्जी हो, उनसे दूर रहें। यदि किसी को गले में खराश, सिर दर्द, सांस लेने में दिक्कत, हल्का बुखार आना, आंखों में जलन, शरीर में दर्द है तो समझ जाइये कि आप बदलते मौसम के शिकार हो रहे हैं । इसके लिए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपना उपचार कराएं । इससे सावधानी रखना भी बेहद जरूरी है । सुबह-शाम के गुनगुने पानी से गरारे करें। सामान्य तापमान के पानी से नहाएँ। सर्दी-जुकाम से ग्रसित लोगों का सामान इस्तेमाल करने और सीधे-सीधे सम्पर्क में आने से बचें। आपसे किसी और को यह समस्या न हो, इसके लिए खाँसते और छींकते समय अपने मुंह पर रूमाल जरूर रखें।