बारिश में डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर रहें सतर्क, बरतें सावधानी



बाराबंकी - बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से भी सजग रहना होगा। इस दौरान डेंगू के मच्छरों के पनपने का मौसम भी शुरू होता है। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान के तहत जिले में कार्ययोजना के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। इसके तहत वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया एवं दिमागी बुखार की रोकथाम के साथ ही अन्य संचारी रोगों पर नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक किया गया। सरकार इस बीमारी को लेकर जागरूकता फैलाने में पूरी तरह  से जुटी है। जिले में यह आभियान भले ही खत्म हो गया हो, पर लोग अभी वेक्टर जनित रोग को लेकर आगामी नवम्बर माह तक बिल्कुल अनदेखी ना करें ।

यह जानकारी देते हुए एसीएमओ एवं नोडल डा डीके श्रीवास्तव ने बताया कि बरसात मौसम के कारण जगह-जगह जल जमाव एवं गंदगी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ रहा है। जिससे मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू एवं चिकनगुनिया आदि के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है । ऐसे में घर के आस-पास एवं घर के अन्दर मच्छरों के पनपने के स्थान या घरों के आस-पास होने वाले जल जमाव, गमले एवं पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं घरों की छतों पर रखी अनुपयोगी वस्तुओं का समुचित निस्तारण किया जाना अति आवश्यक है। इसके साथ ही बारिश के होने से जहरीले जीव जन्तु एवं मच्छरों का प्रकोप काफी हद तक बढ़ गया है। इसके बचाव के लिए  घर के आसपास साफ-सफाई रखें और जलभराव न होने दें।

जिला मलेरिया अधिकारी अविनाश चंद्र का कहना है कि बारिश के मौसम में मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से भी सजग रहना होगा। मलेरिया व डेंगू की पुष्टि के लिए जिले की समस्त सरकारी चिकित्सा इकाइयों में मलेरिया बुखार की जांच नि:शुल्क होती है। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में बुखार पीड़ित व्यक्तियों के चिह्नांकन की जिम्मेदारी आशा, ऐएनम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की है। लक्षण से पीड़ित मरीजों की पहचान कर उन्हें स्वयं या सीएचसी व प्राथमिक पीएचसी भेजकर जांच करायी जाएगी। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के जरिए बीमारी से पीड़ित लोगों में दवा वितरित कराने का कार्य पूरी रणनीति के साथ किया जा रहा है।

डेगू के लक्षण व बचाव : डेगू बीमारी की शुरूआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है।, आंखे लाल हो जाती है। डेगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नार्मल होने लगता है। बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकठ्ठा न होने दे।

मलेरिया के लक्षण व बचाव : तेज बुखार से ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेटीग्रेड से उपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दे। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करे। नीम के पत्ती का धुंआ करे। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाने का कार्य करे। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं ।