छोटे बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने पर हुई चर्चा



  • ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत निजी अस्पतालों व चिकित्सकों की बैठक
  • स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम

बदायूं  । शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित को लेकर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहन झा की अध्यक्षता में निजी क्षेत्र के अस्पतालों, नर्सिंग होम और चिकित्सकों की बैठक हुई। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से  ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत आयोजित पब्लिक प्राइवेट इंटरफेस की बैठक में 11 निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए हाथों की स्वच्छता बहुत जरूरी है, इसलिए हाथों को धुलने का सही तरीका मरीजों और उनके परिजनों को अवश्य बताएं।  बच्चों का समय से टीकाकरण कराने के लिए लोगों को प्रेरित करें ताकि बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता पैदा हो सके। उन्होंने कहा कि इस तरह डायरिया से होने वाले मृत्यु को रोकने मे निजी क्षेत्र के अस्पताल और चिकित्सक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने के लिए बचाव एवं समय से उपचार जरूरी है। उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सक क्लिनिक, अस्पताल व नर्सिंग होम में ओआरएस कार्नर जरूर बनायें ताकि लोगों को आसानी से समझ आ सके कि डायरिया के इलाज में ओआरएस की सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने बताया कि डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम के तहत जनपद में अब तक 1834 फ्रंटलाइन वर्कर यानि आशा, एएनएम, 154 महिला आरोग्य समिति की सदस्यों  एवं 180 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का अभिमुखीकरण किया जा चुका है,  अस्पतालों में ओआरएस कार्नर बनाने के साथ ही दीवार लेखन भी किया जा रहा है। इस दिशा में निजी चिकित्सक, अस्पताल और नर्सिंग होम भी आगे आयें और इन गतिविधियों में हाथ बटाएं ताकि बच्चों को आसानी से डायरिया से सुरक्षित बनाया जा सके।

बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. इत्तेहाद आलम ने प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा डायरिया केसों की रिपोर्टिंग के बारे में चर्चा की। इसके तहत पहले चरण में जनपद के चार प्राइवेट हॉस्पिटल- अलफारिया, वाशु क्लीनिक, आनंद हॉस्पिटल, सुधीर नर्सिंग होम को चयनित किया गया है, जिनके लिए पीएसआई इंडिया टीम द्वारा रजिस्टर बनवाए गए हैं। इनका निरंतर फॉलोअप भी किया जा रहा है। भविष्य में पीएसआई इंडिया टीम के जरिए सभी प्राइवेट हॉस्पिटल को एक-एक प्रिंटेड रजिस्टर भी दिया जाएगा जिससे कि डायरिया केसों कि रिपोर्टिंग सुदृढ़ हो सके। डॉ. इत्तेहाद आलम ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल समय-समय पर डायरिया के बारे में जागरूकता के लिए स्वास्थ्य शिविर का आयोजन भी कर सकते हैं। 

बैठक में  एसीएमओ (आरसीएच) डॉ. राजवीर सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक कमलेश कुमार, जिला कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर अरविंद राणा, जिला  शहरी स्वास्थ्य समन्वयक उमेश राठौर, डीसीएए अभय सिंह, पीएसआई इंडिया से शशांक दुबे और दानिश वर आदि उपस्थित रहे।