लखनऊ । महिला सुरक्षा को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने एक और सशक्त कदम उठाते हुए पिंक बूथ ऑफिसर्स (PBO) के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत की है। ‘सिटीजन फ्रेंडली पुलिसिंग’ प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में यह कार्यशाला 5 मई से पुलिस लाइन स्थित संगोष्ठी सदन में आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिला सुरक्षा और साइबर अपराधों से निपटने के लिए पिंक बूथ पर तैनात पुलिसकर्मियों को तकनीकी और व्यवहारिक प्रशिक्षण देना है, जिससे वे पीड़ित महिलाओं की सहायता अधिक संवेदनशील और प्रभावी तरीके से कर सकें।प्रशिक्षण के पहले दिन सेंट्रल जोन के 23 पिंक बूथ ऑफिसर्स को प्रशिक्षक गौतम मिश्र द्वारा साइबर फ्रॉड ऑनलाइन पोर्टल और संचार साथी पोर्टल की हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग दी गई। साथ ही उन्हें ऑनलाइन धोखाधड़ी, फिशिंग, डेटा चोरी जैसे साइबर अपराधों की पहचान, रिपोर्टिंग प्रक्रिया, और पीड़ितों की गोपनीयता बनाए रखने के तरीकों पर विस्तृत जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान पिंक बूथ ऑफिसर्स ने साइबर मामलों में मोबाइल नंबर गोपनीय रखने, त्वरित कार्रवाई के प्रोटोकॉल, और साक्ष्य संकलन जैसे विषयों पर सवाल पूछे। इसके अतिरिक्त, डिजिटल शिकायत दर्ज करने और पोर्टल के तकनीकी उपयोग को लेकर लाइव डेमो भी प्रस्तुत किया गया।लखनऊ पुलिस का कहना है कि यह प्रशिक्षण "महिला सुरक्षा, समृद्धि की गारंटी" अभियान के तहत आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य शहर के सभी पिंक बूथों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है ताकि महिलाएं बिना झिझक अपनी शिकायत दर्ज कर सकें। प्रशिक्षण के अगले दो दिनों में साइबर अपराध के नवीनतम तरीके, कानूनी प्रक्रिया, और सामुदायिक संवाद कौशल जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित होंगे।यह पहल लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा महिलाओं के बीच सुरक्षा और विश्वास की भावना को बढ़ाने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास के रूप में देखी जा रही है।