नुक्कड़ नाटक के जरिये फाइलेरिया से बचाव की दवा सेवन के बारे में किया जागरूक



  • स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सीफार के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का मंचन, समझाई फाइलेरिया की गंभीरता

लखनऊ - स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) संस्था के सहयोग से शुक्रवार को शहरी मलिनबस्ती फतेहपुर में नुक्कड़ नाटक के माध्यम से फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने के बारे में जागरूक किया गया। नाटक का मंचन आकार फाउंडेशन  के कलाकारों ने किया।

कलाकारों ने मनमोहक अंदाज में फाइलेरिया बीमारी की गंभीरता को दर्शकों तक पहुंचाया और यह भी बताया कि यह बच्चों के विकास को कैसे बाधित करती  है। नुक्कड़ नाटक के जरिये समुदाय को फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करने एवं इस बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी दी गई। नाटक के माध्यम से यह भी बताया गया कि फ़ाइलेरिया मच्छर के काटने से होती है। घर एवं आस पास पानी न इकट्ठा होने दे और साफ- सफाई रखें।

फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होती है। एक बार अगर किसी को यह बीमारी हो गई तो यह ठीक नहीं होती है क्योंकि इसका कोई इलाज नहीं है। फाइलेरिया से बचाव ही इसका एकमात्र इलाज है। इस बीमारी के लक्षण पाँच से 15 साल के बाद दिखाई देते हैं। इसलिए सर्वजन दवा सेवन( आईडीए) अभियान के तहत साल में एक बार लगातार दो साल तक दवा खा लेने से इस बीमारी से बचाजा सकता है। यह बीमारी किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। इसलिए दवा का सेवन जरूर करें। जब भी आशा कार्यकर्ता या कोई भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता दवा खिलाने आयें तो दवा का सेवन करें। एक साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अतिगंभीर बीमार को छोड़कर सभी को इस दवा का सेवन करना है। इस अभियान के तहत तीन दवाएं खिलाई जा रही हैं। ध्यान रखें कि खाली पेट दवा का सेवन नहीं करना है।

नाटक देखने के बाद स्थानीय निवासी नीतेश ने दवा का सेवन किया और कहा कि उन्होंने तो दवा का सेवन कर लिया है | जब बच्चे स्कूल से और पत्नी बाजार से आएँगी तो उन्हें भी दवा का सेवन करवा देंगे | हमने अभी तक लापरवाही के चलते दवा का सेवन नहीं किया था |