बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने पर मंथन



  • ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत निजी अस्पतालों व चिकित्सकों की बैठक
  • स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से चल रहा कार्यक्रम

दरभंगा । शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने को लेकर बुधवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ए. के. मिश्रा की अध्यक्षता में निजी क्षेत्र के अस्पतालों, नर्सिंग होम और निजी चिकित्सकों की बैठक हुई। शिशु विभाग, डीएमसीएच के सेमिनार हॉल,में पब्लिक प्राइवेट इंटरफेस की यह बैठक स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से चल रहे ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत हुई। बैठक में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

इस मौके पर डॉ. ए. के. मिश्रा ने कहा कि स्टॉप डायरिया अभियान से निजी क्षेत्र के अस्पतालों और चिकित्सकों को भी जोड़ा जाएगा, क्योंकि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने में इनकी अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि निजी चिकित्सक क्लिनिक, अस्पताल व नर्सिंग होम में ओआरएस कार्नर जरूर बनायें ताकि लोगों को आसानी से समझ आ सके कि डायरिया के इलाज में ओआरएस की सबसे बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य की अनूठी पहल ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत फ्रंट लाइन वर्कर यानि आशा, एएनएम और महिला आरोग्य समिति की सदस्यों का अभिमुखीकरण किया गया है, ताकि वह समुदाय में जागरूकता की अलख जगाते हुए बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने में मददगार साबित हो सकें। अस्पतालों में ओआरएस कार्नर बनाने के साथ ही दीवार लेखन भी किया गया है। इस दिशा में निजी चिकित्सक, अस्पताल और नर्सिंग होम भी आगे आयें और इन गतिविधियों में हाथ बटाएं ताकि बच्चों को आसानी से डायरिया से सुरक्षित बनाया जा सके।

बैठक में उपस्थित इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ. के. एन. मिश्रा ने भी सभी निजी चिकित्सकों और अस्पतालों से आग्रह किया कि वह “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम में सहयोग करते हुए डायरिया केस की रिपोर्टिंग सुनिश्चित करें l बैठक में दरभंगा मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. अलका झा, अधीक्षक डॉ. शीला कुमारी, डीएस डॉ. अमित कुमार, शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार, प्रोफेसर डॉ. रिज़वान हैदर, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मणिशंकर सहित जिले में कार्यरत कई शिशु चिकित्सक, पीएसआई इंडिया से संजय तरुण एवं अखिलेश कुमार आदि उपस्थित रहे।