“डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम को मिला केमिस्ट एसोसिएशन का साथ



  • पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से केमिस्ट एसो. की अभिमुखीकरण कार्यशाला

दरभंगा । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से चलाये जा रहे “डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के तहत शनिवार देर शाम केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन कार्यालय दरभंगा में दवा व्यवसाइयों और केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों की अभिमुखीकरण कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम को सफल बनाने में उनके योगदान को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श भी किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मेडिकल स्टोर पर आने वालों व्यक्तियों को डायरिया के बारे में जानकारी देना, उससे बचाव व रोकथाम के उपायों की जानकारी देना और चिकित्सक के पास जाने की सलाह देना था।   

कार्यशाला में पीएसआई इंडिया प्रतिनिधि संजय तरुण ने ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश के 13 और बिहार के तीन जिलों  में चलाया जा रहा है, जिसमें शून्य से पांच साल तक के बच्चों की डायरिया के कारण होने वाली मृत्यु दर को शून्य करना और दस्त प्रबंधन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि डायरिया से किसी भी बच्चे की मौत न होने पाए, इसमें केमिस्ट बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अभिमुखीकरण कार्यशाला की अध्यक्षता केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश मोहन सिंह ने किया l केमिस्ट एसोसिएशन की सचिव संगीता साह  ने कार्यक्रम को सफल बनाने में हरसम्भव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि समुदाय में डायरिया को लेकर आज भी भ्रांतियां व्याप्त हैं, जिनको दूर करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि लोगों में भ्रान्ति है कि सर्दियों में बच्चे को दस्त होने पर ओआरएस नहीं देना चाहिए, इससे बच्चे को ठण्ड लग सकती है जबकि ऐसा कदापि नहीं है, ओआरएस दस्त से बच्चे के शरीर में पानी की कमी को पूरा करता है और जान बचाता है। शैलेन्द्र सिन्हा, कोषाध्यक्ष के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोगों में यह भी भ्रम है कि दस्त होने पर बच्चे को ठोस आहार नहीं देना चाहिए, ऐसा कतई नहीं है छह महीने से बड़े बच्चों को हल्का और पचने वाला आहार देना जारी रखें। दस्त का सही समय पर उपचार बेहद जरूरी है क्योंकि उपचार न मिलना बच्चे के जीवन को संकट में डाल सकता है।

इस मौके पर विनोद साह उपाध्यक्ष और गुरु कुमार जायसवाल के सवालों का जवाब देते हुए संजय तरुण  ने बताया कि दस्त के दौरान भी स्तनपान जारी रखें, मां का दूध बच्चे को पोषण और ताकत देता है। डायरिया से बचने के लिए हाथों की सही तरीके से स्वच्छता भी अति आवश्यक है l