सभी तहसीलों में एक-एक फायर स्टेशन हो रहे स्थापित - योगी आदित्यनाथ



  • मुख्यमंत्री ने अग्निसुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 अग्निशमन केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास तथा 35 अग्निशमन वाहनों का फ्लैग ऑफ किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में अग्नि सुरक्षा कवच के सुदृढ़ीकरण हेतु 38 अग्निशमन केन्द्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। उन्होंने 35 अग्निशमन वाहनों का फ्लैग ऑफ भी किया। उन्होंने अग्निशमन एवं जीवन रक्षा कार्य हेतु विशिष्ट उपकरणों का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री  ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि संकट के समय अग्निशमन सेवाओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रदेश सरकार ने अग्निशमन से जुड़े कानूनों के व्यापक रिफाॅर्म तथा इन सेवाओं के आधुनिकीकरण के लिए समयबद्ध तरीके से कार्य किया है। इसके परिणामस्वरूप अग्निशमन विभाग ने बेहतर इमरजेंसी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वयं को तैयार किया है। आज यहां 25 जनपदों के 34 अग्निशमन केन्द्रों का लोकार्पण, 04 नए अग्निशमन केन्द्रों का शिलान्यास तथा 35 फायर टेण्डर का फ्लैग ऑफ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 1944 में अग्निशमन विभाग का गठन किया गया था। वर्ष 1944 से 2017 तक राज्य में कुल 288 फायर स्टेशन स्थापित हुए। विगत 07 वर्षों  में हमारी सरकार ने 71 नये फायर स्टेशन स्थापित किए हैं। वर्ष 2017-18 से अब तक प्रदेश में अग्निशमन विभाग को अपनी सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए लगभग 1400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें नए फायर स्टेशन की स्थापना तथा हाईराइज बिल्डिंग सहित सामान्य परिस्थितियों में अग्नि दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए फायर टेण्डर क्रय करने के कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाए गए हैं। अग्निशमन विभाग में फायरमैन तथा अग्निशमन अधिकारियों की कमी को समय से पूरा किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अग्निशमन से जुड़ी अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है। इसके परिणामस्वरूप ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश की रैंकिंग में सुधार हुआ है। आमजन की सुविधा के लिए प्रदेश की सभी तहसीलों में एक-एक फायर स्टेशन स्थापित करने की दिशा में हम तेजी से अग्रसर हो चुके हैं। अगले कुछ ही वर्षों में उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य होगा, जहां तहसील स्तर पर एक-एक फायर स्टेशन की स्थापना हो जाएगी। इस दिशा में आज का यह कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनधन की हानि को रोकना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारा प्रयास हो कि फायर टेण्डर के रिस्पाॅन्स टाइम को कम से कम करें। रिस्पाॅन्स टाइम जितना कम होगा, उतना ही जनधन की हानि को रोकने में मदद मिलेगी। इससे आम जनमानस का विश्वास बढ़ेगा। इसके लिए प्रशिक्षण और उपकरण आवश्यक हैं। विगत कुछ समय से इस दिशा में किए गए प्रयासों से 33 हजार से अधिक अग्नि दुर्घटनाओं में 3,780 जनहानि को रोका गया। इसी दौरान 5,000 से अधिक पशु हानि को भी रोका गया। इससे डेढ़ अरब रुपये की सम्पत्ति को बचाने में सफलता प्राप्त हुई है। गर्मी का सीजन आ रहा है। ऐसे में खड़ी फसलों में आग लगने की सम्भावना होती है। उस समय फायर विभाग की आवश्यकता महसूस की जाती है। इन सभी कार्यों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए अग्निशमन विभाग को कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अग्निशमन तथा आपात सेवाओं के उच्चीकरण का कार्य किया है। प्रदेश में एसडीआरएफ के गठन की कार्यवाही की गई है। राज्य में एसडीआरएफ की 06 कम्पनियां कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही, प्रदेश में स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स का गठन कर महत्वपूर्ण इमारतों और संस्थानों की सुरक्षा का दायित्व इसे दिया गया है। अग्निशमन विभाग को 67 फायर टेण्डर, 02 फोम टेण्डर, 3,000 फायर रेजिस्टेन्ट ओवरआल  डांगरी, 04 वाॅटर मिस्ट कैफ मोटर साइकिल माउण्टेड सिस्टम, 15 जीप टोइंग व्हीकल्स, 02 वाॅटर बाउजर तथा 01 वाॅटर बाउजर के निर्माण हेतु चेसिस उपलब्ध कराए गए हैं। इन कार्यों से प्रदेशवासियों, यहां आने वाले निवेशकों और पर्यटकों में एक विश्वास अर्जित हुआ है। इस विश्वास को और मजबूत करने का कार्य हमें करना है। आने वाले एक से डेढ़ वर्षों में हमारा प्रयास हो कि हर तहसील फायर स्टेशन से आच्छादित हो जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के बड़े-बड़े शहरों में हाईराइज बिल्डिंग की सुरक्षा के लिए हाइड्रोलिक अग्निशमन वाहनों की उपलब्धता के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाना चाहिए। इससे किसी भी दुर्घटना के समय जनधन की हानि को न्यूनतम करने में मदद मिलेगी। ईज ऑफ  डूईंग बिजनेस के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कानूनों में व्यापक सुधार करने से निवेशकों का विश्वास मजबूत होता है।