नई दिल्ली(डेस्क) - भारतीय वायु सेना ने अपने सबसे पुराने लड़ाकू विमान को रिटायर करने का फैसला कर लिया है। सितंबर में चंडीगढ़ एयरबेस पर विदाई कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, इस दौरान ऑफिशियल तौर पर इन विमानों को रिटायर किया जाएगा। मिग-21 को 1963 में वायु सेना में शामिल किया गया था। इस विमान ने 1965, 1971, 1999 और 2019 की सभी बड़ी सैन्य कार्रवाइयों में भाग लिया है।
भारतीय वायुसेना ने पहली बार 1960 में मिग-21 विमानों को अपने बेड़े में शामिल किया था। सोवियत रूस के मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने इसे 1959 में बनाना शुरु किया था। यह विमान 18 हजार मीटर तक की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। ये एअर टू एअर मिसाइलों और बम को अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
बता दें कि कारगिल की जंग में भी मिग 21 ने अपना खूब जोहर दिखाया। इस दौरान कारगिल की चोटियों में आ घुसे पाकिस्तानियों को मार भगाया था। इसके बाद विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग 21 बाइसन से ही दुनिया के सबसे ताकतवर माने जाने वाले एक पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था।