बीएमजीएफ टीम ने भटहट पहुंच कर देखा स्वास्थ्य कार्यक्रमों का संचालन



  • मातृ शिशु व परिवार नियोजन समेत विभिन्न कार्यक्रमों के बेस्ट प्रैक्टिसेज का किया अध्ययन
  • आशा कार्यकर्ताओं  से किया संवाद, जच्चा बच्चा वार्ड समेत विभिन्न वार्डों को भी देखा

गोरखपुर - बिल एंड मिलिन्डा गेट्स फाउन्डेशन (बीएमजीएफ) की टीम ने भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का मंगलवार की शाम को दौरा किया । टीम ने सीएचसी पर विभन्न कार्यक्रमों का संचालन देखा और आशा कार्यकर्ताओं से संवाद भी किया । टीम ने जच्चा-बच्चा वार्ड देखने के अलावा मातृ शिशु स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और नियमित टीकाकरण जैसे कार्यक्रमों के बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन भी किया ।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि टीम के विजिट का उद्देश्य यहां पर चल रहे कार्यक्रमों की लर्निंग करना था ताकि बेस्ट प्रैक्टिसेज को अन्य स्थानों पर भी लागू किया जा सके। बीएमजीएफ टीम से डॉ अचिंता पाटिल, डेनियले, एथन और विशाल डोगरा ने सीएचसी का विजिट किया । उनका सहयोग उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) से जॉन और डॉ अर्चना ने किया। एक अन्य टीम ने जैनपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी दौरा किया जिसमें क्रिश उल्फ, जेफरी स्मिथ, प्राची और रजनी वेद शामिल रहीं। वहां पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का संचालन देखा गया और उपस्थित सीएचओ और एएनएम के साथ संवाद किया गया ।

डॉ चौरसिया ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नंद कुमार के कुशल दिशा निर्देशन में सीएचसी को तीन बार कायाकल्प अवार्ड मिल चुका है। एचडब्ल्यूसी जैनपुर को भी कायाकल्प अवार्ड मिला है। सीएचसी नेशनल क्वालिटा एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) के लिए प्रतिस्पर्धा में है । यह सब सीएचसी स्टॉफ और समुदाय से आशा कार्यकर्ताओं के बेहतर समन्वय का परिणाम है। टीम ने इन सभी चीजों का बारीकी से अध्ययन किया है।

टीम ने सबसे पहले आशा कार्यकर्ताओं की कलस्टर बैठक में प्रतिभाग किया और फिर संस्थागत प्रसव से सम्बन्धित उनके रोल प्ले को देखा। इस छोटे से नाटक के जरिये संस्थागत प्रसव की बाधाओं के बारे में जानकारी दी गयी। इसके बाद टीम ने आशा कार्यकर्ताओं से प्रसव, मातृ शिशु मृत्यु, व्यवहार परिवर्तन, परिवार नियोजन की महत्ता, नवजात शिशु की देखरेख जैसे मुद्दों पर सवाल पूछा। कार्यकर्ताओं से उनके भुगतान आदि के बारे में भी संवाद किया गया । इसके बाद टीम के सदस्य प्रसव कक्ष पहुंचे और वहां पर स्टॉफ नर्स से उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। टीम ने कोल्ड चेन प्वाइंट का अध्ययन किया और जाना कि किस प्रकार नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत गुणवत्तायुक्त टीके उपलब्ध कराए जा रहे हैं। टीम ने परिवार नियोजन काउंसिलिंग कक्ष पहुंच कर जानने का प्रयास किया कि स्थानीय स्तर पर दंपति के बीच लोकप्रिय साधन कौन सा है । कार्यक्रम के बाधाओं आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की।

इस अवसर पर चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष चौहान, डॉ प्रशान्त, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी कमलेश्वर सिंह, बीपीएम अश्विनी, फार्माशिस्ट मुरली, एलए प्रवीण पांडेय, एफपी काउंसलर रीमा कन्नौजिया समेत यूपीटीएसयू, पाथ और सीफार संस्था के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।