एनीमिया की रोकथाम के लिए बनी रणनीति



  • विफ्स कार्यक्रम के बारे में  प्रशिक्षण देकर हर ब्लाक के लिए तैयार किए गए मास्टर ट्रेनर
  • आईसीडीएस, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के समन्वय से चलता है विफ्स कार्यक्रम

कानपुर -  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित सभागार में सोमवार को साप्ताहिक आयरन /  फ़ोलिक एसिड संपूरण (विफ्स) कार्यक्रम के तहत जनपदस्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें विफ्स कार्यक्रम की ट्रेनिंग देने के लिए प्रशिक्षक तैयार किए गए।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व  नोडल अधिकारी डॉ सुबोध प्रकाश ने बताया कि जनपद में एनीमिया की रोकथाम के लिए साप्ताहिक आयरन /  फ़ोलिक एसिड संपूरण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसमें एनीमिया की रोकथाम के लिए जीवन चक्र आधारित रणनीति अपनाई गई है| इस रणनीति के अन्तर्गत 10 से 19 वर्ष के सभी किशोर-किशोरियों के लिए विफ्स कार्यक्रम तथा 5 से 10 वर्ष के सभी बच्चों के लिये विफ्स जूनियर कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का क्रियान्वयन स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से किया जा रहा है। जूनियर विफ्स कार्यक्रम में बच्चों को गुलाबी गोली एवं विफ्स कार्यक्रम में किशोरियों को नीली गोली सप्ताह में एक बार खाना खाने के एक घंटे के बाद विद्यालय/आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाती है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अजीत सिंह ने बताया कि किशोरावस्था 10 से 19 वर्ष की आयु का अन्तराल है, जिसमें किशोरों में शारीरिक एवं मानसिक विकास और परिवर्तन तेजी से होते है। इन परिवर्तनों को समझ पाने में किशोर स्वयं को भ्रम की स्थिति में पाते हैं , जिससे उनका स्वास्थ्य एवं वृद्धि प्रभावित होती है। इस आयु में समुचित विकास के लिए पोषण एक महत्वपूर्ण कारक है, इसलिए पोषण पर ध्यान देने की विशेष आवश्यकता है। एनीमिया से एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो जाती है जो स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक व मानसिक क्षमता को भी प्रभावित करती है। भारत की आधी से अधिक आबादी  एनीमिया से पीड़ित है। रक्त में आवश्यक स्तर से कम हीमोग्लोबिन की मात्रा होने की स्थिति को एनीमिया कहते हैं। जिन सरकारी अधिकारी, कर्मचारियों ने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया है, अब वह ब्लॉक स्तर पर इसी तरह का प्रशिक्षण आयोजित करेंगे। इस प्रशिक्षण में नोडल अध्यापक , आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल होंगे।

प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग से मेडिकल आफिसर,शिक्षा विभाग से खंड शिक्षा अधिकारी, आईसीडीएस विभाग से सीडीपीओ को प्रशिक्षित किया गया।