माहवारी में साफ-सफाई रखकर संक्रमण से बचें



  • माहवारी स्वच्छता दिवस पर सीफार के तत्वावधान में वेबिनार आयोजित
  • विशेषज्ञों ने साझा किये माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के तरीके

लखनऊ , 28 मई 2021 - यदि आप अपने प्राइवेट पार्ट्स छूते हैं तो तुरंत साबुन से हाथ धोएं क्योंकि इसका संक्रमण आपके शरीर पर दुष्प्रभाव डाल सकता है| इसके साथ ही माहवारी के दौरान साफ-सफाई रखकर संक्रमण से बच सकते हैं | यह कहना है सेण्टर फॉर एक्सीलेंस ऑफ़ एडोल्सेंट हेल्थ, किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की नोडल ऑफिसर डॉ सुजाता देव का | डॉ सुजाता शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) की ओर से आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रही थीं | इस मौके पर उन्होंने किशोरों/किशोरियों और युवाओं  से माहवारी स्वच्छता प्रबंधन , स्वास्थ्य व पोषण पर  विस्तार से चर्चा की |  

डॉ सुजाता ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिए माहवारी के दौरान योनि से स्रावित होने वाले रक्त या स्राव को यथाशीघ्र साफ़ कर लेना चाहिए| माहवारी के दौरान कम से कम दिन में दो से तीन बार पैड बदलना चाहिए| माहवारी की तारीख में ज्यादा परिवर्तन होने पर डॉक्टर से परामर्श लें| उन्होंने बताया कि हर लड़की में लगभग 13-14 वर्ष से माहवारी की शुरुआत हो जाती है| इसी के बाद उसको किशोरी माना जाता है| इस दौरान किशोरियों में कई शारीरिक और मानसिक परिवर्तन होते हैं |  इस कारण अक्सर उसमें चिड़चिड़ापन आ जाता है| ऐसे में उसे प्यार से पूरी से बात समझानी चाहिए| साथ ही डॉ सुजाता ने प्री मेन्सट्रूअल सिंड्रोम (पीएमएस) और प्री मेन्सट्रूअल डिसट्राफिक डिसआर्डर (पीएमडीडी) के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी |  

केजीएमयू  के स्त्री एवं प्रसूति विभाग की एसोसिएट प्रोफसर डॉ वंदना सोलंकी ने माहवारी के दौरान शरीर के लिए आवश्यक पोषण पर एक प्रस्तुति दी |  उन्होंने बताया कि माहवारी के दौरान वसायुक्त आहार और जंकफूड से परहेज करना चाहिए| इस दौरान कैल्शियम, आयरन, विटामिन डी और कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार लेना चाहिए| साथ ही हर छह माह पर कृमि मुक्ति की दवा अवश्य खानी चाहिए| उन्होंने बताया कि 20 वर्ष की उम्र तक शरीर को काफी कैल्शियम की आवश्यकता पड़ती है क्योंकि लापरवाही करने पर मीनोपोज के बाद ओस्टियोपोरोसिस जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है| इसलिए दिन में कम से कम दो बार दूध का सेवन जरूर करना चाहिए |

सेण्टर फॉर एक्सीलेंस ऑफ़ एडोल्सेंट हेल्थ, केजीएमयू की काउंसलर ममता सिंह,ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर धरातल पर आ रही चुनौतियों के बारे में बताया| उन्होंने कहा इसके लिए अभी और जागरूकता लानी पड़ेगी ताकि लोग इस समस्या पर खुलकर बात कर सकें| उन्होंने बताया कि सरकार की आयरन और फोलिक एसिड वितरण योजना (विफ्स) बेहतरीन है|  साथ ही केजीएमयू में चल  रहे साथिया क्लिनिक के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी |