गर्भवती इस समय शारीरिक के साथ मानसिक रूप से भी रहें स्वस्थ



  • खानपान का रखें पूरा ख्याल, कोरोना को लेकर डरने की जरूरत नहीं

लखनऊ, 3 मई 2021 - इस समय कोरोना का संक्रमण हर  तरफ बढ़ रहा है | ऐसे में सभी को सचेत रहने की जरूरत है ,  चाहे वह बच्चे हों , वयस्क  हों या बुज़ुर्ग | वर्तमान में व्यक्ति को शरीर के साथ मन से भी मजबूत रहना बहुत आवश्यक है, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को,  क्योंकि उनके मानसिक स्वास्थ्य का असर उनके साथ   गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है |

क्वीन मेरी अस्पताल की चिकित्साधीक्षिका डा. एस.पी. जैसवार बताती हैं - गर्भवती  को इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है | उन्हें कोरोना को लेकर डरने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है और न ही तनाव में रहने की आवश्यकता है | उन्हें अपने स्वास्थ्य  के प्रति सजग रहने की जरूरत है | उन्हें  यह ध्यान देना है कि बेवजह घर से बाहर न जाएँ और बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आयें | घर पर भी वह मास्क लगाकर ही रहें | साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें | खाना बनाने से पहले, खाना खाने के बाद, शौचालय जाने के बाद, नाखून काटने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोने चाहिए |

जांच के लिए अस्पताल जा रही हैं तो मास्क लगाकर ही जाएँ, अस्पताल में किसी भी चीज को छुएं नहीं | अपनी पानी की बोतल साथ लेकर जाएँ और कोशिश करें कि बाहर कुछ खाएं नहीं | दूसरों से दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करें और सेनिटाइजर अपने साथ रखें और बार-बार हाथों को सेनिटाइज करते रहें |

गर्भवती खान-पान का  विशेष ध्यान रखें |  पौष्टिक व् प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें | उन्हें अपने  भोजन में कार्बोहाईड्रेट , फैट, प्रोटीन, विटामिन , हाई फाइबर व मिनरल्स आदि को शामिल कर संतुलित भोजन का सेवन करना चाहिए | इसके साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, अखरोट, बादाम, सुपर फ़ूड जैसे हल्दी, अदरक, लहसुन आदि का सेवन करें | खाना सफाई से बना हुआ, ताजा तथा अच्छे से पका हुआ ही खाएं | फलों व् सब्जियों को इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धो लें |  जंक फ़ूड  का सेवन नहीं करना चाहिए |  

डा. जैसवार बताती हैं - गर्भावस्था की पहली तिमाही में कम से कम एक  पौष्टिक नाश्ते के साथ तीन  मुख्य भोजन करना चाहिए | साथ ही पांच  मिग्रा की  फोलिक एसिड की एक गोली रोजाना लेनी चाहिए | आयरन, कैल्शियम या अन्य किसी भी दवाई का सेवन पहली तिमाही में नहीं करना है |

दूसरी और तीसरी तिमाही में दो  पौष्टिक नाश्ते के साथ तीन  मुख्य भोजन का सेवन करना चाहिए | साथ ही आयरन फोलिक एसिड (आईएफए) की एक गोली  और कैल्शियम की रोजाना दो गोलियों  का सेवन शुरू कर देना चाहिए जिसे प्रसव के बाद 6 माह तक जारी रखना  चाहिए | आयरन व कैल्शियम का सेवन एक साथ नहीं करना चाहिए | कैल्शियम को दूध के साथ और आयरन को विटामिन सी जैसे नीबू  पानी, आंवला आदि के साथ लेना चाहिये |

डा. जैसवार के अनुसार- गर्भावस्था की पहली तिमाही में खून की जांच करवानी चाहिए और उसके बाद 24 -28 सप्ताह में करवानी चाहिए | गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में एक एल्बेन्डाजोल की टेबलेट का सेवन करना चाहिए | साथ ही गर्भावस्था के 11-14वें  सप्ताह और 18-24 वें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे के सही विकास का पता लगाया जा सके |

गर्भवती  को प्रतिदिन 20-25 मिनट योग या साधारण इनडोर स्ट्रेचिंग व्यायाम या सरल योग व्यायाम करना चाहिए| कैफीन, अल्कोहोल, तम्बाकू और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए | प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी या तरल पदार्थ पीने चाहिए | गर्भवती  को साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | यदि बुखार, खांसी या सांस लेने में कठिनाई हो तो देखभाल करें, स्वास्थ्य सुविधा जाने  से पहले कॉल कर चिकित्सीय सलाह का पालन करें |

इसके साथ ही दिन में दो से तीन बार गरारा करें, गर्म पानी की भाप लें, शरीर में पानी की कमी न होने दें, अधिक मात्रा में पानी पियें  | गुनगुना पानी पियें , ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन करें, गर्म पानी की भाप लें | अपने फोन में आरोग्य सेतु एप अवश्य डाउनलोड करें |