टीकाकरण कराने के बाद नि:शुल्क प्रमाणपत्र ज़रूर लें



• प्रमाणपत्र के आधार पर ही दी जाएगी टीके की दूसरी डोज़
• अस्पताल द्वारा प्रमाणपत्र न देने पर कर सकते हैं शिकायत

लखनऊ, 25 मार्च 2021 - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि कोरोना का पहला टीका लगने के समय ही अस्पताल से प्रमाण पत्र लेना चाहिए| यह प्रमाण पत्र हार्ड कॉपी या ऑनलाइन नि:शुल्क लिया जा सकता है| यदि कोई अस्पताल नि:शुल्क प्रमाणपत्र देने में आनाकानी करे, तो इसकी शिकायत टोल फ्री नंबर 1075 पर की जा सकती है।

सरकार द्वारा कोरोना टीकाकरण को लेकर जारी की गई नई गाइड लाइन के अनुसार एक अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके तहत 1 जनवरी 1977 से पहले जन्मे सभी लोगों को टीकाकारण अभियान में शामिल किया जाएगा । यह लोग कोविन पोर्टल पर पहले से ऑनलाइन पंजीकरण कराकर या टीकाकरण केंद्र पर तत्काल पंजीकरण कराकर कोरोना का टीका लगवा सकते हैं। इसके बाद उन्हें टीकाकरण का प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा ।

मंत्रालय के अनुसार हर लाभार्थी के लिए यह प्रमाणपत्र लेना ज़रूरी है क्योंकि इस पर टीकाकरण की  तिथि और वैक्सीन का नाम अंकित होता है, जिसके आधार पर लाभार्थी को टीके की दूसरी डोज़ दी जाएगी। सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को टीककरण का नि:शुल्क प्रमाणपत्र देना अनिवार्य किया है। यदि फिर भी कोई प्राइवेट अस्पताल प्रमाण पत्र देने से इनकार करता है तो इसके लिए लाभार्थी टोल फ्री हेल्पलाइन 1075 पर शिकायत दर्ज करा सकता है। मंत्रालय ने अपील की है कि टीका लगने के बाद आधे घंटे निगरानी कक्ष में रहने के दौरान हर लाभार्थी यह सुनिश्चित करे कि अस्पताल उसे टीकाकरण प्रमाणपत्र, उसकी सॉफ्ट कॉपी या लिंक ज़रूर दे।
 
कोविशील्ड की दो डोज़ के बीच का अंतराल भी बढ़ा, पर पूरे बचाव के लिए समय से लगवाएँ दूसरी डोज़ : कोविशील्ड वैक्सीन के लिए दो डोज़ के बीच का अंतराल जो पहले 4 से 6 हफ्ते था, अब बढ़ाकर 4 से 8 हफ्ते कर दिया गया है। फिर भी कोरोना वायरस के खिलाफ अधिकतम प्रतिरक्षा पाने के लिए 6 से 8 हफ्तों के बीच ही दूसरी डोज़ लगवाना ज़रूरी होगा । 8 सप्ताह के बाद दूसरी डोज़ लेने से वायरस से सम्पूर्ण बचाव संभव नहीं होगा।