अस्पताल सुरक्षा मानक अपनाएँ, खुद बचें औरों को भी बचाएं



लखनऊ, 29 सितम्बर 2020 - कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के चलते स्वास्थ्य  सेवायें कुछ समय के लिए स्थगित की गयी थीं लेकिन अब उन्हें चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा रहा है | इस क्रम में चाहे सरकारी अस्पताल हों या निजी अस्पताल, प्राइवेट नर्सिंग होम, पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर सभी को कोविड प्रोटोकॉल के नए नियमों का पालन करते हुए कोविड मरीजों व सामान्य मरीजों का इलाज करना है | इस सम्बन्ध में महानिदेशक चिकित्सा,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा.डीएस.नेगी ने सभी चिकित्सा अधीक्षकों, अपर स्वास्थ्य  निदेशक, (एडी हेल्थ) मंडलीय एवं जिला स्तरीय चिकित्सा अधीक्षकों  और सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र लिखकर आवश्यक  निर्देश दिए हैं |

पत्र में उल्लेख है कि भारत सरकार की अनलॉक -4 की गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए हॉस्पिटल की सभी इमरजेंसी सुविधाएँ, ओपीडी, डायग्नोस्टिक और अन्य सेवाओं को लोगों के लिए बिना किसी समस्या  के संचालित किया जाए | इन सेवाओं के दौरान दिशा निर्देशों के अनुसार सावधानी रखनी है  | कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सात प्रकार के व्यवहार का पूरी तरह से पालन करते हुए ही सरकारी और निजी अस्पतालों का संचालन किया जाना है |  

पत्र के अनुसार – यह सात नियम हैं- अस्पताल में सभी रोगियों, उनके तीमारदारों और चिकित्साकर्मियों को हर समय मास्क लगाये रखना होगा | सभी लोगों को एक दूसरे से दो  गज की दूरी का पालन करना होगा | सेनिटाइजर का उपयोग सुनिश्चित किया जायेगा | अस्पतालों में साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जायेगा | अस्पतालों को दिन में दो बार विसंक्रमित किया जाएगा | रोगियों के साथ आ रहे उनके तीमारदारों की संख्या सीमित रखी जाएगी | अस्पतालों में ऐसे होल्डिंग एरिया बनाये जायेंगे जहाँ कोरोना संभावित  व्यक्तियों  को अलग रखा जाए और  उनका  कोरोना जांच के बाद इलाज किया जाये |