बच्चों के विकास के लिए दूध है जरूरी : डॉ. सुनीता



  • कुपोषण से बचाने के लिए पिलाएं दूध व दें दूध से बने पदार्थ

लखनऊ, 26 सितम्बर 2020  - देश को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से सितम्बर को पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है | इस अभियान की   मुख्य दो गतिविधियों में एक  गतिविधि है अति कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन | इसके साथ ही  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने कुपोषित बच्चों के परिवारों को जो गाय पालना चाहते हैं उन्हें गाय मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं ताकि  बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध मिल सके और उन्हें कुपोषण  से उबारा जा  सके |  गाय पालने के लिए 900 रूपये प्रतिमाह दिए जाएंगे | पशुपालन विभाग इसमें मदद करेगा |

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय   की  पोषण विशेषज्ञ डॉ. सुनीता सक्सेना बताती हैं –  दूध हर आयु वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद होता है लेकिन कुपोषित बच्चों के लिए यह रामबाण साबित होता है क्योंकि इसमें वह सभी पौष्टिक तत्व होते हैं जो एक बच्चे के लिए जरूरी होते हैं  | इसलिए दूध को सम्पूर्ण आहार कहा जाता  है | यह ब्रेन टॉनिक  के रूप में काम करता है, इसलिए बच्चों को देने की सलाह दी जाती है | इसमें   प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट , फैट,  कैल्शियम, ऊर्जा और विटामिन “बी”  का अच्छा स्त्रोत होता है | साथ ही इसमें आयोडीन,  फास्फोरस व पोटैशियम भी पाया जाता है | दूध और दूध से बने पदार्थ बच्चों की हड्डियों को मजबूत करते हैं | डा. सुनीता के अनुसार – दो  वर्ष की आयु के बच्चे को प्रतिदिन 750 मिली दूध के साथ  30 ग्राम पनीर लेना चाहिये | 3-4 साल के बच्चे को दिन में दो  कप दूध के अलावा  दही/ पनीर का सेवन करना चाहिए | 4 -7 साल के बच्चे को दिन में 3- 4 कप दूध और दही/ पनीर का सेवन करना चाहिए |  

डा. सुनीता बताती हैं-  एक  कप या 250 मिली फुल क्रीम दूध में आठ  ग्राम  अच्छी गुणवत्ता का प्रोटीन, 149 कैलोरी ऊर्जा व आठ  ग्राम फैट होता है | सामान्यतः शाकाहारी भोजन का सेवन करने वाले व्यक्तियों में विटामिन बी-12 की कमी पायी जाती है | दूध विटामिन बी-12 का अच्छा स्रोत होता है | इसलिए शाकाहारी लोगों को इसका सेवन अवश्य करना चाहिये |

सुनीता बताती हैं – दूध को यदि अनाज जैसे –चावल, दलिया,  सूजी के साथ दिया जाये तो इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है ,  जिन बच्चों को पेट सम्बन्धी समस्या होती है उन्हें दूध की जगह दही या मट्ठे का उपयोग करना चाहिए  ताकि हाजमा दुरुस्त रहे | एसिडिटी की समस्या होने पर आधा पानी मिश्रित ठंडा दूध तत्काल पेट में जलन से लाभदायी होता है | ठंडा गाढ़ा दूध पचने में भारी  होता है इसलिए गाढ़ा नहीं पीना चाहिए |

हल्दी मिलाकर दूध पीने से हमारे शरीर  की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती  है | इसे गोल्डन मिल्क भी कहते हैं |  दूध में हल्दी मिलाने से कैल्शियम का अवशोषण भी अधिक हो जाता है इससे हड्डियाँ अधिक मजबूत होती हैं | यह एंटी एलर्जिक होता है | यह अस्थमा व त्वचा सम्बन्धी बीमारियों में भी लाभदायक होता है | हल्दी वाले दूध के सेवन से चोट व घाव जल्दी भरते हैं |