मिजिल्स रूबेला उन्मूलन को चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान



  • प्रथम चरण में जनवरी माह से लगेगा बच्चों को टीका

कानपुर नगर I मिजिल्स - रूबेला (एमआर) के उन्मूलन को लेकर विशेष टीकाकरण अभियान चलाया मनाया जाएगा प्रथम चरण में के विशेष टीकाकरण पखवाड़ा के तहत नौ से 20 जनवरी तक जिले में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए सीएचसी, पीएचसी में एएनएम व आशा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित किया जा चुका है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि प्रदेश सरकार दिसंबर 2023 तक एमआर उन्मूलन एवं सभी वैक्सीन रोधी बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अर्न्तगत पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को एमआर की दो डोज एवं अन्य ड्यू वैक्सीन दी जानी है। इसे ध्यान में रखते हुए खसरा-रूबेला के रोकथाम के लिए जिले में तीन माह का अभियान चलाया जाएगा। प्रथम चरण 09 से 20 जनवरी, द्वितीय चरण 13 से 24 फरवरी, तृतीय चरण 13 से 24 मार्च तक आयोजित किया जाएगा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके कन्नौजिया ने बताया कि बीमारियों से बचाव में नियमित टीकाकरण पूरी तरह से प्रभावी है। खसरा-रूबेला को एमआर वैक्सीन की दो खुराकों से नियंत्रित किया जा सकता है। विशेष टीकाकरण पखवाडा के लिये निर्धारित तिथियों के दौरान नियमित टीकाकरण सत्र दिवसों को छोड़कर अन्य दिवसों में आवश्यकतानुसार सत्र आयोजित किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. जसबीर सिंह ने बताया की विशेष टीकाकरण पखवाडा के दौरान नियोजित नियमित टीकाकरण के सत्रों को प्रभावित नहीं किया जायेगा। नियमित टीकाकरण के सत्र यथावत रहेंगे। टीकाकरण पखवाडे से पूर्व समस्त शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे सभी शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को सूचीबद्ध कर उनकी टीकाकरण स्थिति का आंकलन करते हुये छूट हुये बच्चों का चिन्हीकरण 17 दिसंबर को पूरा हो चुका है ।

तैयार किया जाएगा माइक्रो प्लान : दूर-दराज वाले क्षेत्र, असेवित क्षेत्र, हाई रिस्क एरिया, कम कवरेज वाले क्षेत्र, माइग्रेटरी, मलिन बस्तियों के लाभार्थी, जो नियमित टीकाकरण के नियोजित सत्र पर टीकाकरण कराने नही आते हैं है, को विशेष टीकाकरण अभियान के माइक्रोप्लान में शामिल कर लक्षित लाभार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसे ग्राम/सत्र स्थल/उपकेन्द्र, जहाँ हेड काउंट सर्वे उपरान्त टीकाकरण से छूटे बच्चों की संख्या अधिक है, वहां पर अतिरिक्त सत्र आयोजित किये जा सकते हैं एवं उन्हें विशेष टीकाकरण अभियान के माइक्रोप्लान में शामिल किया जा सकता है।