प्रधानमंत्री मातृ वन्‍दना योजना के लाभार्थियों की जानकारी किसी को भी न दें आशा कार्यकर्ता



  • योजना के लाभार्थियों को निशाना बना रहे हैं साइबर ठग

संतकबीरनगर - प्रधानमन्‍त्री मातृ वन्‍दना योजना के लाभार्थियों के साथ ही आशा कार्यकर्ता भी अब साइबर ठगों के निशाने पर हैं। साइबर ठग आशा कार्यकर्ताओं से प्रधानमंत्री मातृ वन्‍दना योजना के लाभार्थियों का मोबाइल नम्‍बर ले रहे हैं तथा फर्जी स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी बनकर उनसे आवश्‍यक जानकारी लेकर उनके खाते की रकम को उड़ा ले रहे हैं। इसलिए जिले की सभी आशा कार्यकर्ता सावधान रहें। किसी भी व्‍यक्‍त‍ि को लाभार्थी के सम्‍बन्‍ध में कोई भी जानकारी मोबाइल पर न दें। जांच करने के लिए आने वाले अधिकारी मौके पर पहुंचते हैं और जांच करते हैं।

यह बातें अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी परिवार कल्‍याण डॉ मोहन झा ने इस तरह की साइबर ठगी की घटनाएं प्रकाश में आने के बाद आशा कार्यकर्ताओं को जागरुक करते हुए कहीं । जिले के खलीलाबाद ब्‍लाक क्षेत्र के एक गांव की आशा कार्यकर्ता से साइबर ठग ने खुद को डॉ पंकज बताते हुए कहा कि मैं जिला मुख्‍यालय से डॉ पंकज बोल रहा हूं। आपके अंडर में प्रधानमंत्री मातृत्‍व वन्‍दना योजना की कितनी लाभार्थी हैं। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि कुल 5 लाभार्थी हैं। इसके बाद उसने सभी लाभार्थियों के नाम और मोबाइल नम्‍बर पूछे। आशा कार्यकर्ता ने पांचो लाभार्थियों के नाम व मोबाइल नम्‍बर बता दिए। इसके बाद उसने उसी में से एक लाभार्थी से उसके खाते और आधार नम्‍बर का डिटेल लिया तथा केवाईसी करने की बात कही। कुछ देर के बाद लाभार्थी के पास एक ओटीपी आया। साइबर ठग ने फिर फोन करके ओटीपी पूछा । उस व्‍यक्‍त‍ि ने ओटीपी बता दिया। इसके बाद  उसके खाते से 10 हजार रुपए निकाल लिए । इसी तरह के साइबर फ्राड जिले के तकरीबन हर ब्‍लाक में हुए हैं। इसलिए इससे बचने की आवश्‍यकता है।

लाभार्थियों को क्‍यों चुनते हैं साइबर अपराधी : पुलिस विभाग के साइबर सेल के प्रभारी निरीक्षक रमजान अली बताते हैं कि साइबर ठग निरन्‍तर अपना ट्रेंड बदलते रहते हैं। प्रधानमंत्री मातृ वन्‍दना योजना के लाभार्थियों को चुनने की सबसे बड़ी वजह यह होती है कि यह तय होता है कि उनके पास खाता है। वह खाता आधार नम्‍बर से जुड़ा हुआ है। इसके साथ ही उसमें धन भी है। योजना के लाभार्थी से ओटीपी जानना भी बहुत आसान होता है।

किसी भी दशा में न बताएं ओटीपी और आधार नम्‍बर : रमजान अली बताते हैं कि साइबर ठगी से बचने के लिए सबसे बड़ा तरीका यह है कि किसी भी व्‍यक्‍त‍ि से अपना खाता नम्‍बर, आधार कार्ड का नम्‍बर तथा ओटीपी किसी को न बताएं। जब तक ओटीपी नहीं आएगा तब तक कोई भी साइबर ठग किसी के खाते से पैसा नहीं निकाल सकता है।

आनलाइन ठगी हो तो यहां करें शिकायत : आनलाइन ठगी की शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल पर कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त जनता के हितों की सुरक्षा करने के लिए एवं उनको आनलाइन ठगी से बचाने के लिए गृह मंत्रालय ने हेल्पलाइन नंबर  155260 जारी किया है। इस हेल्प लाइन नंबर पर आप अपने साथ हुई साइबर धोखाधड़ी की शिकायत कर सकते हैं।

कैसे करे हेल्‍पलाइन पर शिकायत : इसके लिए सबसे पहले आपको हेल्पलाइन नंबर पर काल करना होगा। इसके पश्चात आपसे आपका नाम मोबाइल नंबर एवं घटना की टाइमिंग पूछी जाएगी।  इसके पश्चात आपसे घटना की जानकारी संक्षेप में ली जाएगी। अब आपकी इस शिकायत को संबंधित पोर्टल एवं उस बैंक, ई-कामर्स के डैशबोर्ड पर भेज दिया जाएगा। इसके बाद हेल्‍प लाइन  पीड़ित के बैंक से भी संबंधित जानकारी साझा की जाएगी।