निजी अस्पताल प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ ले और गरीबों को लाभ दिलाने को आगे आयें- सचिव



  • निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना से जुड़ने और लाभ देने पर हुआ मंथन
  • रीजेंसी समेत कई निजी अस्पतालों ने योजना में प्रतिभाग हेतु दिखाई दिलचस्पी

कानपुर नगर - सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना,एमएमजेएए व पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना से भी मरीजों को निजी अस्पताल लाभान्वित करें। इससे आपके अस्पताल का और विकास होगा। कुछ ऐसी ही अपील की चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के सचिव रवींद्र कुमार ने। वह शुक्रवार को जिला अस्पताल उर्सला में आयोजित एक कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में कुल 70 निजी अस्पतालों ने प्रतिभाग किया और रीजेंसी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल सहित 37 निजी अस्पतालों ने आयुष्मान योजना से सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन किया।

उन्होंने जनपद के करीब 90 निजी अस्पतालों के प्रमुख व प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि सरकार गरीबों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा दे रही है। जनपद के करीब 153 अस्पताल इस योजना से जुड़ चुके हैं। वहीं कई अस्पताल इस योजना का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, एमएमजेएए और पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस योजना के प्रति निजी अस्पताल भी अपना सहयोग प्रदान करें । इससे निजी अस्पतालों पर एक बड़े जनसमूह का विश्वास बढ़ेगा।

जनपद में पहली बार आयोजित इस तरह के आयोजन को स्टेट एजेंसी फॉर काम्प्रीहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीस) की सीईओ संगीता सिंह ने संबोधित करते हुए बताया कि आयुष्मान योजना में कुल 1949 पैकेज उपलब्ध हैं। हर अस्पताल के पास सभी बीमारियों का इलाज संभव नहीं है। इसलिए अधिकाधिक निजी अस्पतालों को इस योजना से जुड़ने की आवश्यकता है। इससे मरीज को इलाज के लिए दूसरे जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने बताया की अब बड़े निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जोड़ने की मुहिम में पहले इलाज के पैकेजों के रेट बढ़ाए गए और अब ग्रीन चैनल व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत बेदाग छवि वाले अस्पतालों को किसी मरीज के इलाज के बाद क्लेम की धनराशि का 50 फीसदी एडवांस दे दी जाएगी। उसके बाद सांचीज के ऑडिट के बाद बाकी बची राशि भी अस्पताल को ट्रांसफर कर दी जाएगी। इस प्रक्रिया को ग्रीन चैनल नाम दिया गया है। इसके तहत साचीस ने प्रदेश में कुल 56 अस्पताल चिन्हित किए हैं। इसमें से पांच सरकारी अस्पताल हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कहा की कानपुर जनपद के कुल 153 चिकित्सालय इस योजना से जुड़े हैं। इसमें 133 निजी और 20 सरकारी चिकित्सालय हैं। मैं चाहता हूँ हमारे कानपुर जनपद में इस योजना का विस्तार हो और आप सभी भी अपनी सहभागिता दर्ज करायें। उत्तर प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन (यूपीएनएचए) उपाध्यक्ष डॉ एमके सरावगी ने भी सभी अस्पतालों से आग्रह किया की अपनी सहभागिता आयुष्मान योजना के लिये बढ़ायें।

कानपुर नगर के अलावा पड़ोसी जिलों जैसे औरैया, इटावा, कानपुर देहात आदि के सीएमओ व जिला कार्यान्वयन टीमों को सीईओ साचीस की ओर से इस सह ऑनलाइन कार्यशाला के मंच के माध्यम से संबोधित किया गया। इस मौके पर अपर निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, डॉ जीके मिश्रा, उपाध्यक्ष यूपीएनएचए डॉ एमके सरावगी, नोडल अधिकारी डॉ एसके सिंह आदि भी मौजूद रहे। यह आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वधान में कार्यदायी संस्था साचीस व एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल और यूपीएनएचए के सहयोग से हुआ। कार्यक्रम का संचालन एक्सेस हेल्थ इंटरनेशनल की प्रतिनिधि मनीषा त्रिपाठी ने किया।

मर्ज और खर्च को समझें : आयुष्मान योजना से वर्ष 2018 से सूचीबद्ध अस्पताल रॉयल कैंसर इसंटीट्यूट के मार्केटिंग हेड जोगेश ओबेराय ने बताया कि साचीस से उन्हें बढ़िया सहयोग मिल रहा है। उन्होंने अपील की है कि मैं चाहूंगा लोगों के मर्ज और खर्च को समझें और इस योजना से जुड़ने के लिए आगे आयें।  

रीजेंसी समेत कई अस्पताल सूची में जल्द दिखेंगे : कार्यशाला के अंत में रीजेंसी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के मार्केटिंग हेड अजय मोहंती ने सार्वजनिक तौर पर कहा की वह अपने अस्पताल की कानपुर और लखनऊ की शाखा को आयुष्मान से सूचीबद्ध करवायेंगे। इसके अलावा 37 इच्छुक अस्पतालों ने मौके पर पीएमजेएवाई पैनल के लिए आवेदन ऑन द स्पॉट योजना पैनल कियोस्क से किया।