फाइलेरिया रोगियों को दिया रोग प्रबंधन का प्रशिक्षण



  • बांटी गई एमएमडीपी किट, फाइलेरिया प्रभावित अंगों की साफ-सफाई के प्रति किया जागरूक

कानपुर नगर - फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट का वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में फाइलेरिया प्रबंधन के लिए एमएमडीपी कैंप भी चल रहे हैं। इसी श्रृंखला में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था ने बुधवार को ब्लॉक कल्याणपुर के ग्राम बिनौर में फाइलेरिया ग्रसित रोगियों के सागर माता, अनादेश्वर और शिव मंदिर फाइलेरिया सहायता समूह  के सदस्यों को प्रशिक्षित किया |इसमें रोगियों को घाव की नियमित सफाई के तरीके बताए गए। 40 मरीजों को प्रबंधन किट भी बांटी गई।

सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था से आये प्रशिक्षक डा. एस.के. पांडे ने फाइलेरिया ग्रसित मरीजों में रुग्णता प्रबंधन (एमएमडीपी) का प्रदर्शन करके दिखाया | इसके साथ ही उन्होंने कुछ व्यायाम करके भी दिखाए |

प्रशिक्षण में मौजूद जिला मलेरिया अधिकारी एके सिंह ने बताया कि जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए चिन्हित मरीजों को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत एमएमडीपी किट मुहैया कराई जा रही है। इस किट में टब, मग, तौलिया, साबुन, गरम पट्टी आदि शामिल हैं। फाइलेरिया ग्रसित अंगों की साफ-सफाई रखने से इंफेक्शन का डर नहीं रहता है और सूजन में भी कमी रहती है, लेकिन लापरवाही बरतने पर अंगों की स्थिति खराब होने लगती हैं, जिससे तकलीफ बढ़ जाती है। उन्होंने बताया कि प्रभावित मरीजों को दवा भी दी जा रही है।

इस मौके पर मलेरिया निरीक्षक, आशा कार्यकर्ता और सीफार जिला समन्वयक प्रसून द्विवेदी, ब्लॉक समन्वयक रवि तथा सपोर्ट ग्रुप के सदस्य उपस्थित रहे |

मरीजों ने ली राहत की सांस : सागर माता फाइलेरिया सहायता समूह  की सदस्य बबली वर्मा बताती हैं कि वह पाँच साल से इस बीमारी से ग्रसित हैं | समूह से जुड़ने के बाद बीमारी में तो आराम मिला ही है वहीं यह भी पता चला है कि यह मच्छरों से होने वाली बीमारी है | हम तो गाँव में सबको बताते हैं कि भईया मच्छरों से बचो नहीं तो तुम्हें भी हमारी जैसी बीमारी हो जाएगी | इसलिए साफ सफाई रखो | आनंदेश्वर फाइलेरिया सहायता समूह  की सदस्य आकांक्षा  ने बताया कि हमने आज प्रशिक्षण में व्यायाम और देखभाल के तरीके सीखे। मैं आश्वस्त हूं कि इसको नियमित तौर पर करने से आराम मिलेगा। प्रभावित अंगों की साफ-सफाई को लेकर एमएमडीपी किट मिलने से मरीजों ने राहत की सांस ली।