मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह के विजेताओं को मिला प्रमाणपत्र



  • मानसिक स्वास्थ्य  शिविर का फीताकर काटकर आयोजन

बाराबंकी - विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता सप्ताह के अन्तर्गत आज जिला पुरुष चिकित्सालय में मानसिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी थीम "सभी के लिए मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता देना" रखी गयी है। जागरूकता सप्ताह का मुख्य उद्देश्य आम जनमानस को मानसिक बीमारियों के बारे में अवगत कराते हुए मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत क्वीज प्रतियोगिता में प्रथम,  द्वितीय एवं तृतीय विजेताओ के नाम घोषित कर प्रमाण पत्र दिया गया।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा बृजेश कुमार, एवं नोडल अधिकारी एनसीडी डा विनोद कुमार ने संयुक्त रूप से फीता काटकर  आयोजित मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का उदघाटन किया। साथ ही मानसिक दिव्यांग जनों एवं उनके साथ आये तीमारदारों को फल एवं रिफ्रेशमेंट मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं उपस्थित सम्मानित चिकित्सकों द्वारा वितरण किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में  क्वीज प्रतियोगिता जो कि चन्द्रा नर्सिंग कालेज में आयोजित हुई थी। उसमे आये विजेताओं  में  कुमारी अल्पिका वर्मा प्रथम, मन्दन शुक्ला द्वितीय एवं बेबी मौर्या को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।  शिविर में आये दिव्यांगजनों हेतु मानसिक दिव्यांग प्रमाण पत्र भी बनाकर दिया गया। उन्होंने कहा कि आपकी निजी जिंदगी से शुरू होने वाला मानसिक तनाव पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण समस्या बनकर उभरा है, जो अपने साथ कई तरह की अन्य समस्याओं को जन्म देने में सक्षम है। यही कारण है, कि इसे बचने के लिए और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए योग, ध्यान, अध्यात्म और कई तरह के अलग-अलग तरीकों को लोग अपने जीवन में उतार रहे हैं।

नोडल अधिकारी ने बताया कि है कि यह बात हर किसी को हर दिन याद रखनी चाहिए कि तनाव किसी भी समस्या का हल नहीं होता, बल्कि कई अन्य समस्याओं का जन्मदाता होता है। उदाहरण के लिए तनाव आपको अत्यधिक सिरदर्द, माइग्रेन, उच्च या निम्न रक्तचाप, हृदय से जुड़ी समस्याओं से ग्रस्त करता है। दुनिया में सबसे अधिक हार्ट अटैक का प्रमुख कारण मानसिक तनाव होता है। यह आपका स्वभाव चिड़चिड़ा कर आपकी खुशी और मुस्कान को भी चुरा लेता है। इससे बचने के लिए तनाव पैदा करने वाले अनावश्यक कारणों को जीवन से दूर करना जरूरी ही नहीं अनिवार्य हो गया है।

इस मौके पर  पूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा एसके सिंह, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा राजीव टंडन, उप मुख्य चिकित्साधिकारी में डा संजय बाबू, डा पंकज चौधरी, डा नासिर कमाल सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।