पुरस्कृत हुए 12537 सबसे फिट बालक बालिकाएं



  • 2.51 लाख स्वस्थ बच्चों ने किया था प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग
  • प्रथम तीन स्थान लाने वाले बच्चों और उनकी माताओं को किया गया सम्मानित
  • गांधी जयंती पर सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर हुआ आयोजन

गोरखपुर - आंगनबाड़ी केंद्रों पर 22 सितंबर को संपन्न हुई स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा में सर्वाधिक अंक पाने वाले तीन बच्चों को सम्मानित किया गया। जिले भर में हुई इस प्रतियोगिता में 2.51 लाख बालक, बालिकाओं ने हिस्सा लिया था। सभी प्रतिभागियों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले तीन बालक-बालिकाएं विजेता घोषित किये गये थे। इन विजेता बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर बने खिलौने और इनकी माताओं अथवा अभिभावक को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह ने जंगल तुलसीराम आंगनबाड़ी केंद्र पहुंच कर विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने माताओं को प्रशस्ति पत्र दिया और बच्चों को खिलौने वितरित किये। उन्होंने बताया कि बच्चों की मासिक वृद्धि निगरानी, व्यक्तिगत स्वच्छता, लंबाई, ऊंचाई व वजन के सापेक्ष पोषण की स्थिति, उनके आहार की स्थिति, आयु आधारित टीकाकरण और डिवार्मिंग के मानकों पर 50 अंकों में बच्चों का मूल्यांकन किया गया। इस कार्य में यूनिसेफ संस्था ने भी विशेष सहयोग किया । यह प्रतियोगिता शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों में कराई गयी थी। जिले में इस आयु वर्ग के 4.26 लाख बच्चे हैं। इसमें से 2.51 लाख स्वस्थ बच्चों को प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया जा सका।

डीपीओ ने बताया कि प्रतिस्पर्धा के जरिये समुदाय को यह संदेश दिया गया कि जन्म से छह माह तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान करवाना चाहिए। छह माह से तीन वर्ष तक प्राप्त होने वाले अनुपूरक पुष्टाहार का नियमित सेवन करना है। तीन से पांच वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र पर उपस्थित होना है और अनुपूरक पुष्टाहार का सेवन जारी रखना है। बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए कीड़े मारने की दवा का सेवन करना है। पांच वर्ष की उम्र तक बच्चों को पांच साल में सात बार नियमित टीकाकरण करवा कर 12 प्रकार की बीमारियों से बचाना है। बच्चों को हाथों की स्वच्छता एवं नाखून काटने के बारे में जागरूक करना है।

इस अवसर पर सीडीपीओ शहरी महेंद्र कुमार चौधरी, सहायक रजनीश चंद्र, मुख्य सेविका मोहित सक्सेना, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विजयलक्ष्मी, राजकुमारी, आशा मौर्या और सहायिका विद्योत्मा जंगल तुलसीराम के आयोजन में शामिल हुए।

मां की देखरेख में अहम भूमिका : आईसीडीएस के शहरी क्षेत्र में मुख्य सेविका मोहित सक्सेना का कहना है कि बच्चों को स्वस्थ रखने में मां की सबसे ज्यादा भूमिका होती है । वह बच्चे के सुपोषण व साफ-सफाई का ध्यान रखती हैं। यही वजह है कि जिन बच्चों को विजेता घोषित किया गया है उनकी मां को सम्मानित किया जा रहा है। इन स्वस्थ बच्चों का उदाहरण देकर बाकी माताओं को सिखाया जाएगा कि वह भी अपने बच्चों को स्वस्थ व सुपोषित रख सकती हैं ।

सीतारा देवी की हुई सराहना : जंगल तुलसीराम की रहने वाली सीतारा देवी (35) का बेटा प्रतीक (3) केंद्र पर 22 सितंबर को हुई प्रतियोगिता में प्रथम स्थान लाकर विजेता चुना गया था। बच्चे का वजन 16 किलो है और वह पूरी तरह स्वस्थ है। सीतारा देवी ने बताया कि उन्होंने प्रसव पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र की सेवा ली थी। दूध, दही, पोषाहार का सेवन किया था। गर्भावस्था में अपना टीकाकरण कराया था और प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराया। जन्म के एक घंटे  के भीतर बच्चे को अपना दूध पिलाया। छह माह तक सिर्फ स्तनपान करवाया और छह माह बाद पूरक आहार के तौर पर दाल और मसला हुआ घर में बना खाद्य पदार्थ भी दिया। बच्चे की व्यक्तिगत साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा और सभी नियमित टीके लगवाए। सीतारा देवी की बातें सुनने के बाद सभी ने उनकी सराहना की और तालियां बजा कर उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया गया।