कैदियों की हुई टीबी और एचआईवी जांच, 18 संभावित क्षय रोगी चिन्हित



  • चिन्हित किए गए संभावित क्षय रोगियों की होगी सीबीनॉट मशीन से जांच
  • शुरु की गयी सैम्‍पलिंग की प्रक्रिया, तीन क्षय रोगियों का चल रहा इलाज

संतकबीरनगर - जिला कारागार में कैदियों की क्षय रोग और एचआईवी की जांच की गयी। जांच के दौरान 18 संभावित क्षय रोगी चिन्हित किए गए। चिन्हित किए गए संभावित क्षय रोगियों के बलगम की जांच सीबीनॉट मशीन से की जाएगी। उनके सैम्‍पलिंग की प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है। स्क्रीनिंग में एचआईवी का एक भी रोगी नहीं पाया गया। पिछले चार चक्रों में हुई जांच में प्रकाश में आए हुए तीन क्षय रोगियों का इलाज चल रहा है।

जिला क्षय रो‍ग / एड्स नियंत्रण अधिकारी डॉ एस डी ओझा ने बताया कि मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कुमार सिंह के निर्देशन में जिला कारागार में क्षय रोग व एचआईवी जांच के लिए शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 100 कैदियों की क्षय रोग तथा एचआईवी की जांच की गयी। जांच के दौरान 18 ऐसे कैदी मिले जिनके अन्‍दर क्षय रोग की आशंका है।

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्‍वयक अमित आनन्‍द ने बताया कि क्षय रोग विभाग की पीपीएम समन्‍वयक कविता पाठक तथा एचआईवी की काउन्‍सलर सोनम श्रीवास्‍तव तथा अन्‍य कर्मियों ने कैदियों की सैम्‍पलिंग की। चिन्हित किए गए संभावित क्षय रोगियों के सुबह के बलगम का सैम्‍पल लेने के लिए जिला जेल के चिकित्‍सक व फार्मासिस्‍ट को वॉयल दे दिए गए हैं। जिला कारागार में अ‍भी तक चार जांच शिविर लगाए जा चुके हैं। जिन तीन कैदियों में क्षय रोग की पुष्टि हुई है, उन्हें  जिला जेल स्थित अस्‍पताल के पृथक वार्ड में रखकर दवाएं प्रदान की जा रही हैं।

अलग बैरक में रखे जाते हैं इस प्रकार के रोगी : जेलर जे आर वर्मा ने बताया कि चूंकि यह रोग संक्रमण से फैलते हैं तथा इन रोगों का संचरण इन रोगियों के जरिए अन्‍य रोगियों में न हो जाए इसलिए इनको अलग बैरक में रखते हैं। वहां पर इनकों चिकित्‍सकों की निगरानी भी प्राप्‍त होती रहती है।

जिले में 1490 क्षय रोगी : जिला कार्यक्रम समन्‍वयक ने बताया कि जिले में कुल 1496  क्षय रोगी दवा ले रहे हैं। जबकि 18 वर्ष से कम उम्र के 106 रोगियों को स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं के पदाधिकारियों व गणमान्‍य व्‍यक्तियों ने गोद लिया है। क्षय रोगियों को 500 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्‍तें के रुप में दिए जाते हैं। वहीं प्राइवेट चिकित्‍सकों के द्वारा नये क्षय रोगी की जानकारी अगर विभाग को दी जाती है तो उन्‍हें भी 1000 रुपए दिए जाते हैं। 500 रुपए चिन्हीकरण के बाद तथा 500 रुपए तब जब उनका रोग ठीक हो जाता है। अगर वह चाहते हैं तो उन्‍हें निःशुल्क दवा भी दी जाती है।

यह  लक्षण दिखें तो जरुर करा लें जांच : जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अगर छह  प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो कतई नजरंदाज न करें। दो सप्‍ताह या उससे अधिक समय से खांसी आना। खांसी के साथ बलगम व बलगम के साथ खून आना। वजन का घटना। बुखार व सीने में दर्द, शाम के समय हल्‍का बुखार होना।  रात में बेवजह पसीना आना। भूख कम लगने जैसी समस्‍या है तो अवश्‍य ही अपनी जांच करा लें। जांच के उपरान्‍त समय पर इलाज हो जाने से टीबी मरीज ठीक हो जाता है।