शादी के बाद शगुन किट अपनाएँ - परिवार को खुशहाल बनाएं



बाराबंकी- परिवार नियोजन को बढ़ावा देने और मातृ  एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के मकसद से नव विवाहित जोड़ों को शगुन किट दी जाती है। शादी के मौके पर मिलने वाले तमाम तोहफों में से उसी दरम्यान मिलने वाला एक ख़ास तोहफा आपके पूरे जीवन को खुशहाल बना सकता है। बस जरूरत है उसकी खासियत को समझते हुए सही मायने में जीवन में अपनाने की। वह है क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के तुरंत बाद शगुन के रूप में भेंट की जाने वाली ‘नई पहल किट।

इस किट में कई जरूरी सामग्री के साथ ही परिवार नियोजन के अस्थायी साधन कंडोम व गर्भ निरोधक गोलियों को भी शामिल किया गया है। परिवार नियोजन के इन अस्थायी साधनों को अपनाकर पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझने और आर्थिक रूप से मजबूती लाने का पर्याप्त समय मिल सकता है। इस तरह यह किट महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही परिवार के हर सदस्य की खुशहाली का जरिया भी बन सकता है ।  

परिवार नियोजन कार्यक्रम के डिप्टी सीएमओ एवं नोडल अधिकारी डॉ. संजय बाबू का कहना है कि शगुन किट में गर्भ निरोधक से संबंधित जांच किट के अलावा स्वच्छता बैग के साथ जानकारी कार्ड भी रहता है, जो नव विवाहित दंपती के लिए अभिभावक बनने से पूर्व उचित जानकारी देता है। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के साथ ही बच्चों की जन्मदर में अंतर रखने के लिए नव विवाहित जोड़ों के लिए किट बांटी जाएगी। आशा की इस कार्य में प्रमुख भूमिका होगी। आशा कार्यकर्ता गांव-गांव नव विवाहित दंपती का सर्वे करेंगी। प्रत्येक आशा अपनी डायरी में स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त रजिस्टर में बहुओं का नाम अंकित करेंगी। आशा कार्यकर्ता घर जाकर किट उपलब्ध कराएंगी।

उन्होंने बताया कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें। सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।

विकास खण्ड पूरे डेलई के ग्राम इचौली की रहने वाली लाभार्थी अकांक्षा का कहना है कि उनकी शादी साल 2020 में हुई थी । जब वह शादी के बाद ससुराल पहुँचीं तो आशा कार्यकर्ता ने शगुन के रूप में नई पहल किट भेंट की और परिवार को आगे बढ़ाने का निर्णय उचित समय पर ही लेने के बारे में विस्तार से समझाया। आशा की बात सुनकर बड़ी राहत मिली कि किट में उपलब्ध कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों को अपनाकर वह पहले घर-परिवार और पति-पत्नी एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने का सुनहरा मौका पा सकते हैं। पति ने भी पूरा साथ दिया और परिवार नियोजन के अस्थायी साधन अपनाकर आज वह अपना खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं ।

परिवार नियोजन प्रबंधक किदवई इमरान का कहना है कि जनपद में वित्तीय वर्ष 2020 में करीब 13 हजार लाभार्थी शगुन किट (नई पहल )  का वितरण किया गया था । इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में चल रहे सास-बहू-बेटा सम्मेलन के दौरान नई पहल किट का वितरण किये जाने की योजना बनाई जा रही है।

शगुन किट की खासियत : यूपी टीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबेर अंसारी ने बताया शगुन किट 12 से 13 इंच के चौकोर लाल रंग के साथ प्राकृतिक जूट के रंग में बना एक बॉक्स है, इसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवदंपति को भेंट किया जाता है। शगुन के इस में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम  होते हैं ।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है। उन्होंने कहा “किट में एक शीशा, कंघी,  कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” उन्होंने कहा -आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं ।

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