मेदांता हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने युवाओं में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों पर जताई चिंता



लखनऊ - मेदांता हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने "युवाओं के दिल खतरे में" विषय पर आयोजित सेमिनार में कम उम्र में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों पर चिंता जताई। डॉक्टरों ने बताया कि गतिहीन जीवनशैली, मोटापा, तनाव और धूम्रपान जैसे कारण इस समस्या को बढ़ा रहे हैं। अब दिल के दौरे के हर पांचवें मरीज की उम्र 40 साल से कम है।

कॉन्क्लेव में विशेषज्ञों ने कई केस स्टडी पर चर्चा की। इनमें जटिल एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग, टीएवीआई (TAVI) और रोबोटिक सर्जरी जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग शामिल था। डॉक्टरों ने जोर देकर कहा कि मोटापा, उच्च रक्तचाप, और मधुमेह इस स्वास्थ्य संकट के प्रमुख कारण हैं।

डॉ. प्रवीण के. गोयल ने टीएवीआई (TAVI)—ट्रांसकैथेटर महाधमनी वाल्व इम्प्लांटेशन—के बढ़ते महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह एक न्यूनतम इनवेसिव तकनीक है जो ओपन-हार्ट सर्जरी के बजाय स्टेंट के माध्यम से महाधमनी वाल्व को बदल देती है, और यह विशेष रूप से कई बीमारियों से ग्रस्त बुजुर्ग मरीजों के लिए फायदेमंद है।

सेमीनार में डॉ. गौरंगा मजूमदार  ने कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG) में रोबोटिक तकनीक के उपयोग को प्रदर्शित किया। वहीं डॉ. एस. के. द्विवेदी और डॉ. हिमांशु गुप्ता ने उन जटिल एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग मामलों के बारे में बताया जो पहले के स्ट्रोक और गैस्ट्रिक अल्सर जैसी सह-रुग्णताओं के कारण और भी मुश्किल हो गए थे। डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि 40 साल से अधिक उम्र के लोगों को जिम जाने से पहले रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह की जांच, और ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट जरूर करवाना चाहिए, क्योंकि अनदेखी किए गए जोखिम गहन वर्कआउट के दौरान जानलेवा साबित हो सकते हैं।

उक्त सेमीनार में डॉ. अवधेश द्विवेदी, डॉ. विनीता, डॉ. अभिषेक व प्रदेश से कई विशिष्ठ डॉक्टर्स ने प्रतिभाग किया।